बिहार विधानसभा में दरभंगा के नगर विधायक संजय सरावगी ने मंदिर-मठ की जमीन की अवैध बिक्री का मामला उठाया। इसका जवाब सरकार की ओर से भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने दिया। कहा गया,अब इस जमीन की बिक्री नहीं होगी।
हम साधु-संतों के विरोधी नहीं हैं। लोग धर्म के नाम पर अपनी संपत्ति को मठ-मंदिर को देते हैं। कैबिनेट से पास कराकर उस जमीन पर अब केवल धर्म के काम किये जायंगे। उसको बेचने नहीं देंगे। जमीन सरकार के अधीन लेकिन मठ-मंदिर का होगा।
बिहार में मंदिरों-मठों की जमीन की अवैध बिक्री रोकने को लेकर विधानसभा में गुरुवार को विभागीय मंत्री रामसूरत राय ने जवाब दिया। भाजपा विधायक संजय सरावगी के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने दिया।
सदस्य संजय सरावगी ने कहा कि मंत्री साफ-साफ जवाब नहीं दिए हैं। मठ-मंदिर के अनिबंधित जमीन की रजिस्ट्री को लेकर विधि मंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोपते दिखे।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने सदन में बताया कि धार्मिक न्यास की भूमि सरकारी भूमि की श्रेणी में नहीं आती है। मठ-मंदिर ठाकुरबाड़ी की जमीन पर पुजारी का नाम दर्ज नहीं होगा। केवल अभियुक्ति के नाम में पुजारी का नाम दर्ज होगा। रैयत के नाम पर महंथ का नाम नहीं बल्कि इष्ट देव,राधा-रानी का नाम होगा। भगवान जमीन के मालिक होंगे। अभी तक यह रैयती जमीन मानी जाती रही है।
धार्मिक न्यास बोर्ड इन जमीनों पर निगरानी करेगा। अब इस जमीन की बिक्री नहीं होगी। हम साधु-संतों के विरोधी नहीं हैं।लोग धर्म के नाम पर अपनी संपत्ति को मठ-मंदिर को देते हैं। कैबिनेट से पास कराकर उस जमीन पर अब केवल धर्म के काम किये जायंगे। उसको बेचने नहीं देंगे। जमीन सरकार के अधीन लेकिन मठ-मंदिर का होगा।
भाजपा विधायक संजय सरावगी ने पूछा कि विधि विभाग ने साल भर तक खोजबीन कर 1509 मठ-मंदिर की जमीन को अनिबंधित पाया था। इसके निबंधन को लेकर सरकार ने क्या कार्रवाई की? विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने इस पर कहा कि 25-26 हजार एकड़ जमीन है जो अनिबंधित है।
ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री अपने अंचल अधिकारी से पैमाइश कराकर धार्मिक न्यास बोर्ड को रिपोर्ट करें। इस पर स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि यह पूरे बिहार का अतिमहत्वपूर्ण मामला है। ऐसे में दोनों मंत्री इस मामले को आपस में बैठक कर देखें।
इससे पहले भी, सात मार्च को मठ-मंदिर की जमीन को लेकर संजय सरावगी ने सदन में ध्यानाकर्षण के तहत मामला उठाया था। मालिकाना हक को लेकर गंभीर चर्चा हुई थी। उस दौरान भी श्री सरावगी ने मंत्री को कई मुद्दों पर घेरा था।