Bihar Land Survey: देशज टाइम्स ने लिखा था यह राउडी राठौर स्टाइल में काम करने वाले राजस्व मंत्री, दरभंगा के विधायक संजय सरावगी ने अब अफसरों में खौफ भर दिया है। बगहा-दो के अंचल अधिकारी निखिल और जगदीशपुर के राजस्व अधिकारी नागेंद्र कुमार की झूठ और गरीबों का हक छिनने पर मंत्री ने ऐसी फटकार लगाई कि अब ये दोनों अपनी कुर्सी से भी कहीं हाथ ना धो लें।

भूमिहीनों को वास भूमि देने में लापरवाही और समीक्षा बैठक में इनकी दुकानदारी पकड़ी गई है। मंत्री संजय सरावगी के एक्शन से अफसरों में घुसा नया डर, गरीबों का हक छिनने वाले CO और RO पर बड़ा एक्शन, मचा हड़कंप
बगहा-दो और जगदीशपुर के अफसरों ने गरीबों के हक से खिलवाड़ किया
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक बार फिर दिखा दिया कि गलत जानकारी देने वालों पर सख्त कार्रवाई से कोई नहीं बच सकता। बगहा-दो के अंचल अधिकारी निखिल और जगदीशपुर के राजस्व अधिकारी नागेंद्र कुमार को उनकी लापरवाही और झूठी रिपोर्ट पर विभाग ने सख्त फटकार लगाई है।
गरीब परिवारों को वास भूमि से वंचित करने का आरोप
बगहा-दो में कुल 1912 परिवारों को वास भूमि के लिए चुना गया था, लेकिन निखिल ने 1709 परिवारों को अयोग्य घोषित कर दिया। इनमें कई अनुसूचित जाति और जनजाति के परिवार भी शामिल थे, जिन्हें बिना जांच के ही खारिज कर दिया गया। जगदीशपुर में भी 764 में से 689 परिवारों को अयोग्य करार दिया गया।
मंत्री संजय सरावगी का कड़ा रुख, दोनों अफसर निलंबित
जैसे ही यह मामला सामने आया, मंत्री संजय सरावगी ने दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया।अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि अयोग्य ठहराए गए परिवारों की पुनः जांच तुरंत की जाए। साथ ही इन परिवारों को जल्द से जल्द वास भूमि आवंटित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
विभाग में मचा हड़कंप, अफसरों ने शुरू की जांच सुधारने की कवायद
जो अधिकारी पहले फाइलों पर कुंडली मारते थे, अब अपनी गलती सुधारने में जुट गए हैं। पुराने सर्वे की जांच और दस्तावेजों की समीक्षा तेज़ कर दी गई है। लेकिन सवाल ये है कि क्या यह हड़बड़ी उन गरीबों के सपनों को सच कर पाएगी, जिन्हें वर्षों से कागजी तौर पर ही ‘अयोग्य’ बताया गया?
इस घटना से सिस्टम में घुसा नया डर
यह प्रकरण साफ बताता है कि कुछ अफसर गरीबों के हक को दबाने के लिए हर हथकंडा अपनाते हैं। अगर आपको लगता है कि अब सब खत्म हो गया, तो याद रखें कि अगली समीक्षा बैठक में कौन निलंबन का शिकार होगा, यह देखना बाकी है।
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