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दिसम्बर, 24, 2025

Waterlogging: नगर परिषद में जलजमाव से हाहाकार, प्रशासन ने संभाली कमान

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Waterlogging: शहर की धमनियों में जब पानी का खून जम जाए, तो जीवन की रफ्तार थम जाती है। बीते कई दिनों से नगर परिषद क्षेत्र की यही कहानी है, जहां जलजमाव की समस्या ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। अब यह केवल नागरिकों की परेशानी नहीं, बल्कि प्रशासन के माथे पर भी गहरी चिंता की लकीरें खींच रहा है।

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**Waterlogging: नगर परिषद में जलजमाव से हाहाकार, प्रशासन ने संभाली कमान**

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नगर परिषद क्षेत्र में पिछले कई दिनों से गहराए जलजमाव की समस्या अब एक गंभीर चुनौती का रूप ले चुकी है। हर तरफ पानी ही पानी है और लोगों का जीवन दूभर हो गया है। सड़कों से लेकर घरों तक, हर जगह पानी घुस चुका है, जिससे आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस विकट स्थिति से निपटने के लिए अब नगर प्रशासन ने कमर कस ली है और इससे निजात पाने की कवायद शुरू कर दी है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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**Waterlogging: आखिर कब मिलेगी इस गंभीर समस्या से मुक्ति?**

यह समस्या केवल सड़कों पर पानी भरने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रुके हुए पानी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जल निकासी प्रणाली की बदहाली ही इस समस्या की मुख्य वजह है। कई नालियां जाम पड़ी हैं और उनकी सफाई नियमित रूप से नहीं हो पाती है, जिसके कारण बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है।

**समस्या की जड़ और प्रशासनिक कवायद**

नगर प्रशासन के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि जलजमाव की यह स्थिति चिंताजनक है। उनके मुताबिक, मौजूदा जल निकासी प्रणाली पर अत्यधिक दबाव और अतिक्रमण के कारण पानी की निकासी बाधित हुई है। प्रशासन ने अब प्राथमिकता के आधार पर शहर के विभिन्न हिस्सों से पानी निकालने और अवरुद्ध नालियों को साफ करने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है, जो चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
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इसके साथ ही, भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर भी विचार किया जा रहा है। इसमें पुरानी और जर्जर व्यवस्था की मरम्मत और नई अत्याधुनिक प्रणालियों के विकास पर जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इस समस्या से स्थायी रूप से निपटने के लिए नागरिकों के सहयोग की भी आवश्यकता है, विशेषकर ठोस कचरा प्रबंधन में।

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**नागरिकों की उम्मीदें और आगे की राह**

स्थानीय लोग प्रशासन की इस कवायद से थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनकी असली उम्मीद स्थायी समाधान पर टिकी है। उनका कहना है कि हर साल उन्हें ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ता है और अब वे इस चक्रव्यूह से बाहर निकलना चाहते हैं। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि जलजमाव की समस्या से पूर्ण मुक्ति मिले और नगर परिषद क्षेत्र के निवासियों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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