Makhana Cultivation: तालाबों की शांत सतहों से निकलकर, मखाना अब देश की आर्थिक धुरी बनने को तैयार है। केंद्र सरकार ने इस सुपरफूड की खेती और व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का बीड़ा उठाया है।
Makhana Cultivation: राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का बड़ा कदम, बिहार बनेगा देशभर के लिए मखाने का हब
मखाना कल्टिवेशन: बीज उत्पादन और प्रशिक्षण पर विशेष जोर
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक ने देश में मखाना विकास की एक नई इबारत लिख दी है। इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय मखाना विकास योजना का विधिवत शुभारंभ किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य मखाना उत्पादन को संगठित और सुदृढ़ बनाना है। बैठक में विशेष रूप से बीज उत्पादन, किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और वितरण सुविधाओं को विस्तार देने पर गहन चर्चा हुई। यह निर्णय लिया गया है कि विभिन्न राज्यों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि पूरे देश में इसकी खेती का विस्तार हो सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। मखाने की वैल्यू चेन को मजबूत करने के लिए कई दूरगामी और अहम फैसले लिए गए, जो किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने और प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने में सहायक होंगे।
इस योजना के तहत, बिहार, जो मखाना उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है, देशभर के अन्य राज्यों को मखाने के उच्च गुणवत्ता वाले बीज और खेती की उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण प्रदान करेगा। यह पहल न केवल बिहार के किसानों को सशक्त करेगी, बल्कि पूरे देश में मखाना उत्पादन को बढ़ावा देगी। सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत से मखाना एक्सपोर्ट (Makhana Export) में उल्लेखनीय वृद्धि करना है, जिससे यह वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा सके। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
2030 तक मखाना निर्यात बढ़ाने का लक्ष्य
मखाना बोर्ड की इस पहल से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि भारत विश्व स्तर पर मखाने के एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर पाएगा। यह सिर्फ एक कृषि उत्पाद नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन रहा है। देश की कृषि नीतियों में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो पारंपरिक फसलों के साथ-साथ विशेष उत्पादों को भी मुख्यधारा में ला रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


