सड़क दुर्घटना कम करने के लिए राज्यभर की व्यस्त सड़कों पर फुट ओवरब्रिज (एफओबी) का निर्माण होगा। इसमें उन इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही एफओबी बनाने की शुरुआत
जहां सड़क पैदल पार करने के क्रम में सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। भविष्य में उन स्थानों पर पैदल पार करने के दौरान सड़क दुर्घटना नहीं हो, इसके लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही एफओबी बनाने की शुरुआत कर दी जाएगी।
राज्य में कई ऐसे स्थान हैं जहां लोगों का सड़क पार करना मजबूरी है। ऐसे में नियमित अंतराल पर लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। पैदल पार करने के क्रम में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एफओबी बनेगा। इसके लिए परिवहन विभाग, पथ निर्माण विभाग, एनएचएआई और ग्रामीण कार्य विभाग मिलकर एक सर्वे करेगा।
शहरी, अर्धशहरी या ग्रामीण इलाके से स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे या जिलों की अहम सड़कों को पार करने के क्रम में लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हो जा रहे हैं।
जान-माल का नुकसान भी हो रहा
तेज गति से गुजरने वाली गाड़ियों की रफ्तार के बीच लोगों को संतुलन बनाना मुश्किल हो रहा है। बीते दिनों हुई समीक्षा बैठक में पाया गया कि गाड़ी से सफर करने वालों के साथ ही पैदल पार करने के क्रम में भी लोग काफी संख्या में सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। इससे जान-माल का नुकसान भी हो रहा है।
यहां से होगी शुरूआत
एफओबी के निर्माण की शुरुआत पटना जिले से होगी। इसके बाद राज्य के अन्य जिलों में भी स्थल चिह्नित कर एफओबी बनाया जाएगा। खासकर वैसे जिले जहां 2019 की तुलना में 2020 में सड़क दुर्घटना में वृद्धि हुई है, उन जिलों में एफओबी बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी। नालंदा, जहानाबाद सहित ऐसे जिलों की संख्या 11 है। इसके अलावा रोड सेफ्टी ऑडिट कर दुर्घटना के अन्य कारणों का भी समाधान किया जाएगा।
राज्य स्तरीय होने वाले इस सर्वे में यह देखा जाएगा कि किस जिले की कौन सी सड़क पर एफओबी बनाने की तत्काल आवश्यकता है।
इसके बाद कोशिश होगी कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में इन सड़कों पर एफओबी बनाने के लिए डीपीआर बनाई जाए और काम भी इसी वर्ष में पूरा कर लिया जाए। एफओबी का निर्माण इस तरह किया जाएगा कि लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।