Bihar News| अब मुख्य पार्षद, उपमुख्य पार्षद पूरा करेंगे 5 साल का कार्यकाल, पार्षद नहीं ला पाएंगें अविश्वास प्रस्ताव। जहां, अब मुख्य पार्षद (मेयर) या उपमुख्य पार्षद (डिप्टी मेयर) अपना कार्यकाल (पांच साल) पूरा करेंगे। पहले जो पार्षदों के पास दो साल में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का अधिकार था, अब उनके पास यह अधिकार नहीं होगा यानी अब मुख्य पार्षद (मेयर) या उपमुख्य पार्षद (डिप्टी मेयर) अपना कार्यकाल (पांच साल) पूरा करेंगे।
Bihar News| बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक-2024 विधानसभा के मानसून सत्र में पेश
जानकारी के अनुसार, बिहार विधानमंडल में मॉनसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक-2024 विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया गया और इसे पास भी कर दिया गया। इसमें नगर पालिका के नियमों में संशोधन किए गए हैं।
इसमें मुख्य रूप में यह कहा गया है कि पार्षदों की तरफ से दो साल में नगर परिषद में पेश किया जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया को नए संशोधन में सरकार ने पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। नए संशोधन में अविश्वास प्रस्ताव संबंधी प्रावधानों को विलोपित कर दिया जाएगा।
Bihar News| इसे समाप्त करने के पीछे तर्क है कि पार्षदों के पास ये अधिकार रहने से निर्वाचित पार्षदों के बीच
बिहार सरकार ने बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक-2024 विधानसभा के मानसून सत्र में पेश करते हुए नगर सरकार पर बड़ा शिकंजा कसा है। जहां, इसे पास भी कर दिया गया है। इसमें नगर पालिका के नियमों में संशोधन किए गए हैं। इसे समाप्त करने के पीछे तर्क है कि पार्षदों के पास ये अधिकार रहने से निर्वाचित पार्षदों के बीच गुटबाजी और अनुचित दबाव बढ़ता है।
Bihar News| वार्ड पार्षदों की तरफ से इनके खिलाफ दो वर्षों के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने का अधिकार
इसके कारण नगरपालिका के विकास कार्य प्रभावित होते हैं। दरअसल, बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 में मुख्य पार्षद-उप मुख्य पार्षद का चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से करने का प्रावधान है लेकिन वार्ड पार्षदों की तरफ से इनके खिलाफ दो वर्षों के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने का अधिकार है। इसका राज्य के कई जिलों में गलत इस्तेमाल भी हो रहा है। लिहाजा अब उसे विलोपित कर दिया गया है।
Bihar News| प्रस्तावित बिल में सरकार के नियम के खिलाफ प्रस्ताव पर मुख्य पार्षद और पीठासीन पदाधिकारी
सरकार की तरफ से नगरपालिका के उन अधिकारों को भी कम करने का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत पार्षद सरकार के नियम का विरोध करते हैं। इसके खिलाफ प्रस्ताव लाते हैं। प्रस्तावित बिल में सरकार के नियम के खिलाफ प्रस्ताव पर मुख्य पार्षद और पीठासीन पदाधिकारी की तरफ से भी विचार नहीं किया जाएगा। यदि इस तरह का प्रस्ताव आता भी है तो इसे नगरपालिका पदाधिकारी की तरफ से विचार के लिए सरकार को भेजा जाएगा।