बिहार में अब 400 नहीं, हर महीने 1100 रुपये पेंशन! नीतीश कुमार का चुनावी मास्टर स्ट्रोक। नीतीश का बड़ा दांव! 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को अब मिलेगी तीन गुना पेंशन। 2025 से पहले वोट बैंक साधने की चाल?@पटना,देशज टाइम्स।
1 करोड़ से ज्यादा लोगों को सीधा फायदा! –
नीतीश सरकार ने पेंशन की रकम तिगुनी कीअब विधवा, बुजुर्ग और दिव्यांगों को हर महीने ₹1100! जुलाई से लागू होगी स्कीम पेंशन में तिगुनी बढ़ोतरी! क्या नीतीश कुमार ने 2025 की जीत की बिसात बिछा दी?1 करोड़ से ज्यादा लोगों को सीधा फायदा! हर महीने खाते में आएंगे ₹1100@पटना,देशज टाइम्स।
जानिए कब से मिलेगा बढ़ा पेंशन –
पुरानी राशि: ₹400 प्रति माह। नई राशि: ₹1100 प्रति माह। लाभार्थियों की संख्या: 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255। लाभ लागू होने की तिथि: जुलाई 2025। भुगतान तिथि: हर महीने की 10 तारीख।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का चुनावी मास्टरस्ट्रोक: सामाजिक सुरक्षा पेंशन में तीन गुना बढ़ोतरी, जुलाई से लागू
पटना,देशज टाइम्स। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा सामाजिक और राजनीतिक दांव खेला है। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना (Social Security Pension Scheme) के अंतर्गत मिलने वाली राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। यह फैसला 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लाभार्थियों के लिए राहत और वोट बैंक साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
अब हर महीने 1100 रुपये, जुलाई से खातों में ट्रांसफर
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व Twitter) पर घोषणा करते हुए लिखा –
“मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत विधवा महिलाओं, वृद्धजनों और दिव्यांगजनों को अब हर महीने 400 रुपये की जगह 1100 रुपये पेंशन मिलेगी।”
यह बढ़ी हुई राशि जुलाई 2025 से प्रभावी होगी और हर महीने की 10 तारीख को लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे भेजी जाएगी।
नीतीश का सोशल वेलफेयर मास्टरस्ट्रोक
यह कदम ग्रामीण इलाकों, बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगजनों को सीधे साधता है, जो बिहार की एक बड़ी वोटिंग आबादी है। इससे JD(U) को सामाजिक न्याय और कल्याण की छवि मजबूत करने का मौका मिलेगा। इसे ‘चुनावी लाभ की रणनीति’ के रूप में भी देखा जा रहा है, जिससे विपक्षी दलों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनेगा।
राजनीतिक विश्लेषण
जानकारों का मानना है कि यह फैसला सीधे तौर पर चुनावी तैयारी का हिस्सा है। RJD और कांग्रेस जैसे विरोधी दल जहां जातीय समीकरणों पर फोकस कर रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार विकास और कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता देकर एक अलग छवि गढ़ने की कोशिश में हैं।
राजनीतिक रूप से भी गेम चेंजर
नीतीश कुमार का यह कदम जहां आर्थिक रूप से कमजोर तबके को राहत देगा, वहीं राजनीतिक रूप से भी गेम चेंजर साबित हो सकता है। आने वाले चुनाव में इसका असर ज़मीनी वोटरों के मूड पर साफ देखा जा सकता है।