बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण (In-service Training) को लेकर एक अहम आदेश जारी (Now in-service training for teachers will take place in their own district) किया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया है कि प्रशिक्षण अब शिक्षकों के वर्तमान पदस्थापन जिले में ही आयोजित किया जाएगा। इस कदम से शिक्षकों को सुविधा मिलने के साथ-साथ प्रशिक्षण की प्रक्रिया भी सुचारू होगी।
मुख्य बिंदु:
- अपने जिले में प्रशिक्षण:
- अब शिक्षकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण के लिए दूसरे जिलों में यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
- यह प्रशिक्षण शिक्षकों के वर्तमान कार्यस्थल के जिले में ही आयोजित होगा।
- प्रशिक्षण की सूचना:
- शिक्षकों को प्रशिक्षण की जानकारी कम से कम एक सप्ताह पहले दी जाएगी।
- पहले सूचना देर से जारी होने के कारण शिक्षकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
- बायोमेट्रिक अटेंडेंस:
- प्रशिक्षण के दौरान तीन बार बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी।
- बायोमेट्रिक रिकॉर्ड के आधार पर ही शिक्षकों को प्रशिक्षण पूरा करने का प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
- अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश:
- शिक्षा विभाग ने आदेश में स्पष्ट किया है कि इन नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।
- जिला स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था का जिम्मा स्थानीय अधिकारियों का होगा।
पहले की स्थिति और समस्याएं:
- अब तक कई शिक्षकों को दूसरे जिलों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता था।
- सूचना देर से मिलने के कारण शिक्षकों को अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जिम्मेदारियों में तालमेल बैठाने में कठिनाई होती थी।
- कई बार दूरस्थ प्रशिक्षण स्थलों पर यात्रा करने में भी समस्याएं आती थीं।
शिक्षकों को मिलेगी राहत:
- इस नए आदेश से शिक्षकों को समय और यात्रा की परेशानी से राहत मिलेगी।
- जिले में प्रशिक्षण होने से पारिवारिक और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना आसान होगा।
- प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर भी ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
शिक्षा विभाग की नई सोच:
शिक्षा विभाग द्वारा इस निर्णय के पीछे उद्देश्य यह है कि:
- शिक्षकों को सुविधाजनक माहौल में प्रशिक्षण मिले।
- समय की बचत और प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
- बायोमेट्रिक अटेंडेंस के जरिए प्रशिक्षण में नियमितता और अनुशासन बढ़ाया जाए।
आगे की योजना:
शिक्षा विभाग ने इस आदेश के तहत जिले के प्रशिक्षण केंद्रों को तैयार करने का निर्देश दिया है।
- शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण सामग्री और आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
- जिला अधिकारियों को हर प्रशिक्षण का फीडबैक सिस्टम लागू करने का भी निर्देश दिया गया है।
यह फैसला शिक्षकों और शिक्षा विभाग के बीच सामंजस्य बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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