Bihar Land Registry|अब खुलकर कीजिए खरीद-बिक्री…। Bihar के जमीन विक्रेताओं और खरीदारों को Supreme राहत। बिहार के जमीन विक्रेताओं और खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खुशखबरी मिली है। यह राहत सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया है जहां, अब कोई भी व्यक्ति बिना जमाबंदी के भी अपनी जमीन बेच और खरीद सकता हैं।
Bihar Land Registry News| खरीद-फरोख्त में हो रहे फर्जीवाड़े पर लगाम के लिए राज्य सरकार के उस फैसले से
जहां,राज्य में भूमि विवाद और जमीन की खरीद-फरोख्त में हो रहे फर्जीवाड़े पर लगाम के लिए राज्य सरकार के उस फैसले से जमीन की खरीद बिक्री पर खासा असर पड़ा था। सरकार ने बिना जमाबंदी के जमीन नहीं बेचने का नियम बनाया। इसके तहत शहरी क्षेत्रों में निर्मित फ्लैट-अपार्टमेंट की बिक्री होल्डिंग टैक्स नंबर के आधार पर तय किया गया था। जबकि, सरकार ने यह कहा था आप तभी जमीन बेच पाएंगे, जब आपके नाम जमाबंदी (दाखिल-खारिज) होगी। लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जमीन विक्रेताओं और खरीदारों को बड़ी राहत मिली है। अब वे बिना जमाबंदी के भी अपनी जमीन बेच और खरीद सकते हैं।
Bihar Land Registry News| 21 फरवरी 2024 से जमाबंदी की अनिवार्यता लागू थी। इससे
21 फरवरी 2024 से जमाबंदी की अनिवार्यता लागू थी। इससे रजिस्ट्री ऑफिस में जमीनों की रजिस्ट्री में भारी कमी देखी गई थी। मार्च में निबंधन विभाग का राजस्व करीब 80 फीसदी तक गिर गया था। वहीं, अप्रैल और मई माह में भी रजिस्ट्री दस्तावेजों की संख्या में करीब 60 फीसदी जबकि राजस्व में 50 फीसदी की कमी आई। नियम लागू होने के बाद सिर्फ मार्च महीने में हर साल 1.50 लाख दस्तावेजों की रजिस्ट्री के मुकाबले मात्र 33 हजार दस्तावेजों की रजिस्ट्री हो पाई।
Bihar Land Registry News| अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटना हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने के बाद
जानकारी के अनुसार, अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटना हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने के बाद, जिसमें कहा गया था कि बिना जमाबंदी होल्डिंग कायम किए विक्रेता की ओर से किसी भी जमीन की बिक्री नहीं हो सकती, जमीन की रजिस्ट्री की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है। इससे पहले, पटना हाईकोर्ट ने जमाबंदी को अनिवार्य कर जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी।
Bihar Land Registry News| पूरे बिहार में जमीन की रजिस्ट्री कम हो गई थी।
इससे पूरे बिहार में जमीन की रजिस्ट्री कम हो गई थी। मार्च और अप्रैल 2024 में रजिस्ट्री की संख्या में भारी गिरावट आई थी। मार्च 2024 में मात्र 393 रजिस्ट्री हुई थीं, जबकि अप्रैल 2024 में यह संख्या 475 रह गई थी।रजिस्ट्री की संख्या बढ़ने के साथ ही विभागीय राजस्व में भी वृद्धि हुई है। पहले प्रतिदिन औसतन 20 लाख 33 हजार 556 रुपये का राजस्व होता था, जो अब बढ़कर 40 लाख रुपये हो गया है।