राज्य में बिना जमीन-मकान वाले परिवारों को अब अपनी जमीन की रजिस्ट्री के लिए सिर्फ सौ रुपये खर्च करने होंगे। सरकार की ‘वास स्थल क्रय सहायता योजना’ के तहत सरकारी सहायता से खरीदी जाने वाली भूमि के लिए यह सुविधा (Now no money will be taken for registering land in Bihar) मिलेगी।
जय बाबा केदार..!
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यह बात अब पुरानी हो चुकी है।
नई बात यह है कि सरकार ने राज्य में जमीन की लागत कम करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने खास प्रयोजन के लिए जमीन खरीदने पर निबंधन और स्टांप शुल्क पूरी तरह माफ करने का फैसला किया है।
दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल एससी, एसटी और अति पिछड़ा वर्ग के वैसे परिवार जिनके पास मकान बनाने के लिए अपनी भूमि नहीं है, उन्हें सरकार जमीन की खरीद के लिए प्रति लाभुक 60 हजार रुपये की सहायता देती है। ऐसे लाभुकों को खरीदी जाने वाली भूमि के निबंधन में भी छूट दी गई है।
अब प्रत्येक लाभुक को निबंधन शुल्क के रूप में 50 तथा स्टांप ड्यूटी के रूप में 50 यानी कुल 100 रुपये का भुगतान करना होगा। इतने खर्च पर ही उनकी जमीन की रजिस्ट्री हो जाएगी। जिलों में ऐसे 18 हजार 504 परिवारों को चिह्नित किया गया था। इनमें से 73 को राशि दे दी गई है। इस वर्ष 1052 लाभार्थियों को पैसे जल्द मिलेंगे।
लेकिन, अब जो खबर है उसके मुताबिक, बिहार में जमीन की कीमत दूसरे तमाम राज्यों की अपेक्षा अधिक होने की बात को स्वीकारते हुए साथ ही इसमें होने वाली महंगा निबंधन शुल्क और स्टांप शुल्क को देखते हुए नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए उद्योगों के लिए सस्ती जमीन उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
अब औद्योगिक जमीन के लिए निबंधन व स्टांप शुल्क पूरी तरह माफ कर दिया गया है। औद्योगिक क्षेत्र या उससे बाहर उद्योगों की स्थापना के प्रयोजन से लीज, बिक्री या ट्रांसफर की गई जमीन पर निबंधन व स्टांप शुल्क में सौ प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है। मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग ने इससे जुड़ी अधिसूचना भी जारी कर दी है। सरकार के इस कदम से उद्योगों के लिए जमीन की लागत में कमी आएगी।
सरकार के इस नए निर्णय का लाभ केवल नई इकाइयों को ही मिलेगा। इसके साथ निजी निवेशकों को सौ प्रतिशत निबंधन व स्टांप शुल्क में छूट का लाभ तभी मिलेगा जब उनका निवेश प्रस्ताव राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद (एसआइपीबी) से स्टेज-एक क्लियरेंस प्राप्त हो। निबंधन व स्टांप शुल्क के अलावा भू-स्वामी रजिस्ट्रीकरण शुल्क, प्रतिलिपि शुल्क एवं कंप्यूटरीकृत निबंधन के लिए लिया जाने वाला सेवा शुल्क नियमानुसार लिया जाएगा।
जमीन की रजिस्ट्री में लगने वाले पैसे में मुख्य होता है, स्टाम्प ड्यूटी चार्ज। यानि जमीन की रजिस्ट्री में जो खर्च आता है, उसे सरकार स्टाम्प के जरिये आपसे लेती है। अलग–अलग जमीन के अनुसार अलग–अलग स्टाम्प ड्यूटी लगाई जाती है। जैसे–गांव में जमीन खरीदने पर कम चार्ज लगता है और शहर में जमीन खरीदने पर ज्यादा चार्ज देना होगा। ये स्टाम्प ड्यूटी चार्ज उस जमीन की सर्किल रेट या जमीन का सरकारी रेट के अनुसार देना होता है। चलिए इसे नीचे पॉइंट के अनुसार समझते हैं,
- गांव में जमीन खरीदने पर सर्किल रेट या जमीन का सरकारी रेट का 4-5% स्टाम्प शुल्क देना पड़ेगा। मानलो किसी जमीन का सर्किल रेट 1 लाख है, तो आपको 5 हजार रूपये स्टाम्प चार्ज देना होगा।
- शहर में जमीन खरीदने पर सर्किल रेट का 6-7% स्टाम्प शुल्क देना होता है। मानलो किसी जमीन का सर्किल रेट 1 लाख है, तो आपको 7 हजार रूपये स्टाम्प चार्ज देना होगा।
- ग्रामीण क्षेत्र में किसी महिला के नाम पर जमीन खरीदने पर 4% शुल्क देना होगा। यानि किसी जमीन का सर्किल रेट 1 लाख है, तो आपको 4 हजार रूपये स्टाम्प चार्ज देना होगा।
- शहरी क्षेत्र में किसी महिला के नाम पर रजिस्ट्री करवाने से 6% स्टाम्प शुल्क देना होता है। यानि किसी जमीन का सर्किल रेट 1 लाख है, तो आपको 6 हजार रूपये स्टाम्प चार्ज देना होगा।
- स्टाम्प शुल्क के साथ कुछ छोटी-छोटी खर्च भी आती है। जैसे – पेपर तैयार करने का खर्च, रजिस्ट्री हेतु वकील की फीस आदि।
ऊपर बताए गए पॉइंट से आप समझ गए होंगे कि रजिस्ट्री करवाने में स्टाम्प शुल्क ही मुख्य खर्च होता है। और ये शुल्क उस जमीन की सर्किल रेट या सरकारी रेट के अनुसार तय होती है।
ऐसे में,विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के हस्ताक्षर से जारी आदेश के अनुसार, बियाडा को सरकार द्वारा आवंटित भूमि के निबंधन पर अब स्टांप व निबंधन शुल्क नहीं देना होगा। इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के अंदर या बाहर की ऐसी कोई भी जमीन जिसका इस्तेमाल निजी निवेशकों के द्वारा उद्योग स्थापित करने के लिए होगा, उसके दस्तावेजों के निबंधन पर स्टांप शुल्क माफ कर दिया गया है।
इससे पहले भी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया था कि लाभुकों को भूमि खरीद में राहत प्रदान करने के लिए निबंधन शुल्क में कटौती की गई है। सरकार का प्रयास है कि लाभार्थियों को सरकारी अथवा सार्वजनिक भूमि से ही वास योग्य जमीन दी जाए। साथ ही उनका वासगीत पर्चा भी जारी हो। सीतामढ़ी जिले में सर्वाधिक 2321 पात्र परिवारों की पहचान की गई है।
नई अधिसूचना के अनुसार, निजी निवेशकों को छूट का लाभ केवल पहले संव्यवहार में लीज, बिक्री या ट्रांसफर के दस्तावेजों पर प्राप्त होगा। इसके लिए उद्योग विभाग के द्वारा भूमि का विवरण एवं लोकेशन के साथ निवेशकों के नाम से प्राधिकार पत्र निर्गत होगा, जिस पर छूट दी जाएगी।
इसके बाद के चरणों पर छूट प्रभावी नहीं होगी। इसके अलावा अगर निवेशक राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नीतियों का अक्षरश: पालन नहीं करता है, तो दी गई छूट की राशि निवेशक से उद्योग विभाग के द्वारा वसूल की जाएगी। यह अधिसूचना 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी होगी।