Patna । बिहार सरकार ने राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट हाईस्कूल और प्लस टू विद्यालयों के लिए 2857 प्रधानाध्यापक (Headmaster) पदों की स्वीकृति दी है। इन पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्ति होगी, जिसके लिए बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा आयोजित करेगा।
कहाँ होंगे पदों का आवंटन?
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इन पदों को जरूरत के अनुसार प्रमंडलों में वितरित किया जाएगा।
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नए प्रधानाध्यापकों के वेतन पर सरकार सवा दो अरब रुपये सालाना खर्च करेगी।
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माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में स्थापित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के लिए नियमावली 2021 बनाई गई है।
कितने पद रिक्त हैं?
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1468 विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद खाली है।
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राज्य के 71 राजकीय विद्यालयों में भी प्राचार्य के पद रिक्त हैं।
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110 स्कूलों में आधे से अधिक प्रधानाध्यापक पद खाली हैं।
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वर्तमान में राज्य संवर्ग के 434 प्रधानाध्यापक और 930 सहायक शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से 48 शिक्षकों ने प्रोन्नति नहीं लेने का शपथ पत्र दिया है।
नियुक्ति प्रक्रिया
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प्रमंडलस्तरीय संवर्ग होगा – इन प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति प्रमंडल स्तर पर होगी।
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लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन किया जाएगा।
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चयनित उम्मीदवारों की अनुशंसा शिक्षा विभाग को भेजी जाएगी और आगे प्रमंडल के आरडीडीई को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
सरकार की योजना और अगला कदम
सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि जो प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त होंगे, उनके पदों को मरणशील घोषित कर क्रमिक रूप से नए पद सृजित किए जाएंगे। इस फैसले से राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और विद्यालयों में प्रशासनिक दक्षता लाने की उम्मीद है।