स्कूल की भोजन में भ्रष्टाचार नहीं चलेगा। बिहार के स्कूलों में मिड-डे मील पर निगरानी और सख्त होगी। बच्चों के मिड-डे मील पर बड़ा फैसला – शिक्षा विभाग ने तय की हर स्तर पर जवाबदेही।मिड-डे मील में गड़बड़ी की तो सिर्फ प्रिंसिपल नहीं, अफसर भी जाएंगे जेल! नया आदेश जारी।
बिहार के स्कूलों में मिड-डे मील गड़बड़ी पर अब होगी सख्त कार्रवाई, सिर्फ प्रिंसिपल नहीं जिम्मेदार होंगे अफसर भी
पटना, देशज टाइम्स। बिहार शिक्षा विभाग ने मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme) में लगातार आ रही शिकायतों पर कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला लिया है। अब किसी भी गड़बड़ी पर सिर्फ स्कूल प्रिंसिपल ही नहीं, बल्कि जिला और प्रखंड स्तर के अधिकारी भी जवाबदेह होंगे।
अब तक क्या गड़बड़ियां सामने आईं?
बच्चों की संख्या बढ़ाकर खाद्यान्न की फर्जी मांग। मेनू के अनुसार भोजन नहीं दिया गया। केंद्रीकृत रसोई से भेजा गया भोजन खराब गुणवत्ता का निकला।कम मात्रा में भोजन भेजने के कारण कई बच्चों को खाना नहीं मिला।
शिक्षा विभाग ने क्या कहा?
अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने सभी जिलों को सख्त निर्देश भेजे हैं। अब से प्रिंसिपल, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रबंधक और साधनसेवी – सभी की होगी संयुक्त जवाबदेही। सभी अधिकारियों को नियमित निगरानी करनी होगी और मेनू व गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होगी।
भोजन की गुणवत्ता और पोषण पर विशेष जोर
योजना का उद्देश्य बच्चों को पौष्टिक और संतुलित भोजन देना है ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित हो सके। साथ ही, इससे स्कूल उपस्थिति बढ़ाना और ड्रॉपआउट कम करना भी लक्ष्य है।
अब क्या-क्या होगा?
हर स्कूल में भोजन की नियमित जांच होगी। ताजा, गर्म और तय मेनू के अनुसार भोजन दिया जाना अनिवार्य होगा। गड़बड़ी पाए जाने पर निलंबन से लेकर अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अब हर स्तर पर तय होगी जवाबदेही
विभाग ने साफ कर दिया है कि अब से स्कूल, ब्लॉक और जिला स्तर के अफसरों की भी जवाबदेही तय की जाएगी। योजना के उद्देश्यों में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।