अवैध बालू खनन के दौरान पटना-भोजपुर सीमा पर बिहटा के सुरौंधा के समीप सोन नदी में स्थित अरार (खोदाई से बना गड्ढ़ा) धंसने से कई मजदूर उसके नीचे दब गए। लोगों ने मशक्कत कर छह को बाहर निकाला। उनमें से एक की मौत हो गई। पांच का इलाज अस्पताल में कराया जा रहा है। जिस जगह यह हादसा हुआ है, वहां पहुंचने का एकमात्र उपाय नाव ही है।
जय बाबा केदार..!
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पटना-भोजपुर सीमा पर बिहटा के सुरौंधा के पास शनिवार को सोन नदी में अवैध बालू खनन के दौरान बालू अरार धंसने से छह मजदूर दब गए हैं। जिसमें मनेर निवासी एक मजदूर की मौत हो गयी। घटना के बाद बहुत मुश्किल से मजदूरों को बाहर निकाला गया। घायल मजदूरों का इलाज हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
बताया जा रहा है कि जेसीबी पोकलेन मशीन से बालू की खोदाई के कारण बड़ा अरार बन जाता है। नाविक अरार के बीच से ही नाव सटा कर बालू लादते हैं, ताकि जल्द बालू लाद कर भागा जा सके। दूसरा खेत वालों एवं दबंगों को रंगदारी नहीं देना पड़े। इस मामले में स्थानीय पुलिस कुछ भी बताने से इंकार कर रही है।
जानकारी के अनुसार, बिहटा, मनेर छपरा आदि के कुछ मजदूर नाव लेकर बालू खनन करने गए थे। इसी दौरान सुरौंधा के समीप बालू लदाई के क्रम में अरार धंस गया। उसमें कई मजदूर दब गए। आसपास मौजूद अन्य मजदूरों की सहायता से उनमें से छह को निकाला गया। लेकिन मनेर के धजवा टोला निवासी स्व शिवपूजन राय के पुत्र रामकुमार की मौत हो गई।
वहीं, अन्य का इलाज निजी चिकित्सक के पास कराया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जेसीबी पोकलेन मशीन से बालू की खोदाई के कारण बड़ा अरार बन जाता है। नाविक अरार के बीच से ही नाव सटा कर बालू लादते हैं ताकि एक तो जल्द बालू लादा जा सके दूसरा खेत वालों एवं दबंगों को रंगदारी नहीं देना पड़े। साथ ही इससे पोकलेन का खर्च भी बचता है।
बताया जा रहा है कि बिहटा, मनेर और छपरा के कुछ मजदूर नाव लेकर बालू खनन के लिए निकले थे। अचानक सुरौंधा के पास बालू लोड करने के दौरान अरार धंस गया। इसी बीच कई मजदूर उसमें दब गए। मौके पर मौजूद लोगों की मदद से किसी तरह छह मजदूरों को बाहर निकाला गया। हालांकि मनेर के धजवा टोला के रहने वाले स्व. शिवपूजन राय के बेटे रामकुमार ने दम तोड़ दिया। बाकी घायलों को पास के ही एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।