बिहार में छुट्टी के लिए अब नहीं देने होंगे हाथ से लिखे आवेदन –बिहार के सभी शिक्षक अब छुट्टी के लिए करेंगे ऑनलाइन आवेदन –23 जून से लागू होगा नया नियम! छुट्टी के लिए अब सिर्फ ऑनलाइन आवेदन चलेगा-ई-शिक्षाकोष पोर्टल लॉन्च – अब छुट्टी मंजूरी भी ऑनलाइन, हर प्रक्रिया होगी रिकॉर्ड में-अब छुट्टी में देरी नहीं! शिक्षकों को मिलेगा समय पर जवाब, सब कुछ होगा डिजिटल रिकॉर्ड में@पटना,देशज टाइम्स।
बिहार के शिक्षकों के लिए बड़ी खबर: अब छुट्टी के लिए ऑनलाइन आवेदन, 23 जून से लागू होगी नई व्यवस्था
पटना, देशज टाइम्स | बिहार सरकार ने शिक्षकों की सुविधा के लिए एक बड़ा डिजिटल कदम उठाया है। अब राज्य के सभी शिक्षक अपनी छुट्टी के लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यह व्यवस्था 23 जून 2025 से पूरे राज्य में लागू की जा रही है।
अब नहीं देने होंगे हाथ से लिखे आवेदन
अब तक बिहार में शिक्षकों को छुट्टी के लिए ऑफलाइन आवेदन देना पड़ता था, जिसमें फाइलों के चक्कर, देरी और पारदर्शिता की कमी जैसे समस्याएं थीं। नई डिजिटल प्रणाली से यह प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और रिकॉर्ड आधारित हो जाएगी।
ई-शिक्षाकोष पोर्टल की विशेषताएं
शिक्षक अब ऑनलाइन आवेदन करेंगे। प्रासंगिक अधिकारी पोर्टल पर ही स्वीकृति या अस्वीकृति देंगे। छुट्टी का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से संरक्षित रहेगा। निर्णय प्रक्रिया होगी तेज और पारदर्शी रहेंगी।
किस प्रकार की छुट्टियों पर मिलेगा लाभ?
महिला शिक्षकों के लिए:
6 महीने का मातृत्व अवकाश – पूरा वेतन मिलेगा। 2 वर्षों का अवकाश – दो बच्चों की देखभाल के लिए, ऑनलाइन आवेदन और स्वीकृति की सुविधा मिलेंगी।
पुरुष शिक्षकों के लिए:
15 दिनों का पितृत्व अवकाश। अन्य छुट्टियां: निजी कारण, स्वास्थ्य या अन्य मामलों में, आधे वेतन पर छुट्टी – जांच के बाद मंजूरी। स्वास्थ्य अवकाश – 180 दिनों तक, पूरा वेतन।
छुट्टी स्वीकृति की जिम्मेदारी किसकी?
शिक्षक का पद | छुट्टी स्वीकृति अधिकारी |
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प्रधान/प्रभारी प्रधानाध्यापक | प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) |
सहायक/विशिष्ट शिक्षक | प्रधान या प्रभारी प्रधानाध्यापक |
300 दिन का उपार्जित अवकाश | जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) |
असाधारण अवकाश (बिना वेतन) | DEO स्तर से स्वीकृति |
पारदर्शिता और जवाबदेही होगी सुनिश्चित
सभी छुट्टियों का रिकॉर्ड पोर्टल पर सुरक्षित रहेगा। शिक्षकों को छुट्टी स्वीकृत या अस्वीकृत होने की जानकारी समय पर मिलेगी। फर्जीवाड़े की संभावना खत्म होगी – सिर्फ वास्तविक मामलों को अनुमति मिलेंगी। अधिकारी स्तर पर जवाबदेही तय होगी।
डिजिटल गवर्नेंस की ओर सकारात्मक कदम
ई-शिक्षाकोष पोर्टल के जरिए छुट्टी प्रक्रिया को डिजिटल बनाना एक तकनीकी सुधार ही नहीं, बल्कि यह प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल, तेज और पारदर्शी बनाएगा।
शिक्षकों को अब बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, जिससे समय की बचत होगी और कार्यस्थल पर संतोष बढ़ेगा।