Paper Leak: जैसे पानी का रिसाव बांध को कमजोर करता है, वैसे ही प्रश्न पत्रों का रिसाव शिक्षा व्यवस्था की नींव हिला देता है। इसी कड़ी में, परीक्षाओं की शुचिता भंग करने वाले एक बड़े गुनहगार पर शिकंजा कसा गया है, जो अब जांच एजेंसियों की गिरफ्त में है। बिहार के खुसरूपुर से एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है जिसे प्रश्न पत्र लीक कांड का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम लंबे समय से इसकी तलाश में जुटी हुई थी। इस गिरफ्तारी को जांच एजेंसियों की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, खासकर उन लाखों छात्रों के लिए जो ईमानदारी से परीक्षा की तैयारी करते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
पेपर लीक रैकेट का पर्दाफाश: ऐसे दबोचा गया मास्टरमाइंड
जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, प्रश्न पत्र लीक मामले में वांछित इस मास्टरमाइंड का लोकेशन खुसरूपुर में ट्रेस किया गया था। सीबीआई और ईओयू की संयुक्त टीम ने मिलकर त्वरित कार्रवाई की और उसे धर दबोचा। आरोपी पर आरोप है कि वह विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करवाने में सक्रिय रूप से शामिल था, जिससे हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लग जाता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद कई अन्य खुलासे होने की उम्मीद है।
यह भी जानकारी मिली है कि यह आरोपी सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि ओडिशा में दारोगा बहाली परीक्षा समेत कई अन्य राज्यों में भी पेपर लीक के मामलों में वांछित था। उसकी गिरफ्तारी से अंतरराज्यीय गिरोहों के नेक्सस को तोड़ने में मदद मिलेगी। जांच एजेंसियां अब उससे गहन पूछताछ कर रही हैं ताकि इस गोरखधंधा की जड़ तक पहुंचा जा सके।
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आरोपी का आपराधिक इतिहास और आगे की जांच
गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि उसका आपराधिक रिकॉर्ड काफी लंबा है। वह पहले भी कई बार प्रश्न पत्र लीक करने और परीक्षा में धांधली करवाने के आरोप में फंसा है। उसकी गिरफ्तारी से उन लाखों युवाओं को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, जिनके सपनों को ऐसे गिरोह अपनी काली करतूतों से कुचल देते हैं। पुलिस और जांच एजेंसियां अब इस मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने में लगी हुई हैं। यह एक सतत प्रक्रिया है जो परीक्षा प्रणाली में विश्वास बहाल करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
इस पूरे मामले पर पुलिस अधिकारी और जांच एजेंसियां अभी विस्तृत जानकारी देने से बच रही हैं, लेकिन उन्होंने पुष्टि की है कि एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इस गिरफ्तारी से अन्य राज्यों में भी चल रहे पेपर लीक मामलों की गुत्थी सुलझाने में मदद मिल सकती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



