Bihar Agriculture Officer: कभी-कभी जीवन की पहेलियाँ इतनी उलझी होती हैं कि सुलझाने में अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। पटना में एक ऐसी ही गुत्थी ने प्रशासन से लेकर आम जनमानस तक को सकते में डाल दिया था, जब कृषि विभाग की एक अधिकारी अचानक लापता हो गईं।
Bihar Agriculture Officer: अथमालगोला से छपरा तक का सफर
पटना के अथमलगोला में तैनात कृषि अधिकारी अर्यमा दीप्ति के अचानक लापता होने की खबर ने हड़कंप मचा दिया था। 24 घंटे के भीतर उनकी सकुशल बरामदगी से उन तमाम अटकलों पर विराम लग गया, जो सोशल मीडिया और आम बातचीत में तैर रही थीं। प्रारंभिक रिपोर्टों में अपहरण या प्रेम प्रसंग जैसी बातें सामने आ रही थीं, लेकिन गहन देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें पटना पुलिस जांच ने सभी धारणाओं को गलत साबित कर दिया। यह घटना उस समय और भी गंभीर लग रही थी जब एक सरकारी अधिकारी का इस तरह से लापता होना राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अधिकारी की तलाश शुरू की, जिसमें कई टीमों को लगाया गया। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उच्चाधिकारियों की लगातार निगरानी बनी हुई थी।
क्या था लापता होने का असली कारण?
पुलिस की पड़ताल में यह खुलासा हुआ कि अर्यमा दीप्ति का न तो अपहरण हुआ था और न ही इसके पीछे कोई प्रेम प्रसंग का मामला था। असल में, वह अपने एक दोस्त को जन्मदिन का सरप्राइज देने के लिए छपरा चली गई थीं। इस दौरान उनके मोबाइल फोन की बैटरी खत्म हो गई थी, जिसके कारण उनका अपने परिवार और पुलिस से संपर्क टूट गया। इस जानकारी के सामने आने के बाद सभी ने राहत की सांस ली। यह घटना एक महत्वपूर्ण सीख देती है कि आधुनिक संचार माध्यमों पर हमारी निर्भरता कितनी बढ़ गई है, और कभी-कभी एक छोटी सी तकनीकी खराबी भी बड़ी गलतफहमी का कारण बन सकती है। पुलिस ने इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करके उनकी सकुशल बरामदगी सुनिश्चित की। यह बताता है कि संकट के समय में धैर्य और सटीक जानकारी कितनी महत्वपूर्ण होती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


