Patna Book Fair: गांधी मैदान में आयोजित यह साहित्यिक महाकुंभ एक बार फिर ज्ञान और मनोरंजन का संगम बन गया, जहाँ साहित्य प्रेमियों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस बार, युवा कवि नीलोत्पल मृणाल और लेखक दिव्य प्रकाश दुबे ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई, जिसने मेले में एक नई ऊर्जा भर दी। उनकी काव्यपाठ और संवाद सत्र ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, और पाठक उनसे मिलने व उनकी किताबों पर हस्ताक्षर लेने के लिए उत्सुक दिखे।
पटना बुक फेयर में युवा प्रतिभाओं का जलवा
पुस्तक मेले का वातावरण साहित्य और कला के रंग में रंग चुका था। विशेष रूप से, नीलोत्पल मृणाल और दिव्य प्रकाश दुबे जैसे लोकप्रिय युवा साहित्यकारों के सत्र ने अपार भीड़ खींची। उनके काव्यपाठ की अनूठी शैली और विषयों की विविधता ने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों ने हर कविता और विचार पर तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। यह क्षण साबित करता है कि आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
नीलोत्पल मृणाल, जिनकी कृतियाँ युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, ने अपनी कविताओं के माध्यम से समकालीन समाज के विभिन्न पहलुओं को छुआ। उनके शब्द सीधे दिल में उतर रहे थे, जिससे श्रोतागण पूरी तरह से उनके साथ जुड़ गए। वहीं, दिव्य प्रकाश दुबे ने अपनी कहानियों और लेखन के पीछे की प्रेरणाओं पर बात की, जो श्रोताओं के लिए काफी ज्ञानवर्धक रहा। यह साहित्यिक गोष्ठी, निश्चित रूप से इस वर्ष के मेले का एक यादगार हिस्सा बन गई।
किताबों का लोकार्पण और ऑटोग्राफ सत्र
इस अवसर पर कई नई किताबों का लोकार्पण भी किया गया, जिससे साहित्य जगत को नई कृतियाँ मिलीं। लोकार्पण के बाद, पाठकों को अपने पसंदीदा लेखकों से सीधे मिलने और उनकी किताबों पर ऑटोग्राफ लेने का अवसर मिला। यह सत्र इतना सफल रहा कि लंबी कतारें देखी गईं, जिसमें पाठक घंटों इंतजार करते रहे ताकि वे अपने पसंदीदा साहित्यकारों से एक पल के लिए मिल सकें। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
कवि सम्मेलन: मेले का मुख्य आकर्षण
पुस्तकों और साहित्यिक चर्चाओं के बीच, कवि सम्मेलन कार्यक्रम ने मेले की रौनक को और बढ़ा दिया। विभिन्न शैलियों और विचारों के कवियों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं, जिससे मंच पर एक जीवंत और गतिशील माहौल बन गया। श्रोताओं ने हर कविता का भरपूर आनंद लिया, जो हास्य से लेकर गंभीर सामाजिक टिप्पणी तक फैली हुई थी। यह सब दिखाता है कि आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह साहित्यिक आयोजन केवल कविताओं और कहानियों तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसने विचारों के आदान-प्रदान और नए लेखकों को प्रेरणा देने का भी काम किया।
पटना के गांधी मैदान में आयोजित यह पुस्तक मेला न केवल किताबों का प्रदर्शन है, बल्कि यह एक ऐसा मंच भी है जहाँ साहित्य की नई पीढ़ी अपनी पहचान बनाती है। इस मेले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बिहार में साहित्य और कला के प्रति प्रेम आज भी जीवंत है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


