Patna Cold Wave: जब प्रकृति अपना बर्फीला तांडव दिखाती है, तब मानवता की परीक्षा होती है। पटना में भी हाड़ कंपा देने वाली सर्दी ने जनजीवन को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, ऐसे में जिला प्रशासन ने जरूरतमंदों के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं।
पटना। कड़ाके की ठंड और संभावित शीतलहर के मद्देनजर पटना जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन शाखा ने व्यापक स्तर पर राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, ताकि जिले का कोई भी नागरिक खुले आसमान के नीचे ठिठुरने को मजबूर न हो। शहर से लेकर सुदूर ग्रामीण अंचलों तक ठंड से बचाव के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Patna Cold Wave के बीच प्रशासन की व्यापक तैयारी
जिला प्रशासन की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, पूरे जिले में कुल 230 स्थानों पर सार्वजनिक अलाव की व्यवस्था की गई है। इन अलावों से प्रतिदिन हजारों लोगों को ठंड से राहत मिल रही है। इसके साथ ही, रैन बसेरों की संख्या भी बढ़ाई गई है, जहां वर्तमान में 8 हजार से अधिक जरूरतमंदों को सुरक्षित और गर्म आश्रय प्रदान किया जा रहा है।
पटना में बढ़ती ठंड और स्वास्थ्य जोखिम
बढ़ती ठंड न केवल दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि गरीबों और बेघर लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ा रही है। शीतलहर के कारण सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर निमोनिया जैसे गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में प्रशासन द्वारा की गई यह पहल कई जिंदगियों को बचाने में सहायक सिद्ध हो रही है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/national/
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे राहत कार्यों की लगातार निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति ठंड से प्रभावित न हो। यह सुनिश्चित करने के लिए टीमें लगातार फील्ड में तैनात हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह हर आपात स्थिति में नागरिकों के साथ खड़ा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंच रही मदद
केवल शहरी क्षेत्रों तक ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी ठंड का प्रकोप समान रूप से महसूस किया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला आपदा प्रबंधन शाखा ने ग्रामीण अंचलों में भी अलाव और अस्थायी आश्रयों की व्यवस्था की है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है ताकि ठंड से राहत का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके।




