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दिसम्बर, 12, 2025

बिहार में चार नए विधायकों पर संकट! हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस, क्या कुर्सी खतरे में?

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पटना न्यूज़: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जीत का जश्न मना रहे चार नए विधायकों के लिए बुरी खबर है। जीत के तुरंत बाद ही पटना हाईकोर्ट ने इन्हें नोटिस भेज दिया है। क्या इन विधायकों की कुर्सी पर अब संकट मंडरा रहा है, और क्यों कोर्ट को यह कदम उठाना पड़ा? आइए जानते हैं…

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चुनावी जीत के बाद कानूनी पेंच

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे कई उम्मीदवारों के राजनीतिक करियर में नई ऊर्जा लाए, लेकिन कुछ नवनिर्वाचित विधायकों के लिए यह खुशी अल्पकालिक साबित हुई है। ताजा जानकारी के अनुसार, पटना हाईकोर्ट ने चार ऐसे विधायकों को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी। यह नोटिस उनकी चुनावी जीत को चुनौती देने वाली याचिकाओं के संबंध में भेजा गया है, जिसने राज्य की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

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किन सीटों के विधायकों को नोटिस?

जिन सीटों के विजयी उम्मीदवारों को पटना हाईकोर्ट से नोटिस मिला है, उनमें प्रमुख रूप से टेकारी, मधुबनी, नरपतगंज और मोहिउद्दीननगर विधानसभा सीटें शामिल हैं। इन विधायकों की जीत को विभिन्न आधारों पर अदालत में चुनौती दी गई है, जिनमें चुनावी प्रक्रिया में कथित अनियमितताएं या नियमों का उल्लंघन जैसे आरोप शामिल हो सकते हैं। इन आरोपों की जांच अब न्यायिक प्रक्रिया के तहत की जाएगी।

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कोर्ट नोटिस का क्या है मतलब?

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, हाईकोर्ट का नोटिस मिलना किसी भी चुनाव याचिका का पहला और महत्वपूर्ण कदम होता है। इस नोटिस के जरिए संबंधित विधायकों को अदालत के समक्ष उपस्थित होकर अपनी जीत के संबंध में लगाए गए आरोपों का जवाब देना होता है। आमतौर पर, ऐसी चुनाव याचिकाएं मतगणना में धांधली, मतदाताओं को प्रभावित करने के आरोप, नामांकन पत्र में गलत जानकारी प्रस्तुत करना, या चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन जैसे गंभीर आरोपों पर आधारित होती हैं। इन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद ही कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुनाएगा।

आगे क्या होगा?

फिलहाल, सभी संबंधित विधायकों को तय समय-सीमा के भीतर कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। यदि इन याचिकाओं में लगाए गए आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह न केवल उनकी विधानसभा सदस्यता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है, बल्कि इससे उनके राजनीतिक भविष्य पर भी गहरी तलवार लटक सकती है। ऐसे में, सभी की निगाहें अब हाईकोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हुई हैं।

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