पटना। पटना जंक्शन को जाम से मुक्ति दिलाने का दावा करने वाला नया ट्रैफिक प्लान पहले ही दिन दम तोड़ गया. हज़ारों की संख्या में ऑटो चालकों ने ऐसा विरोध प्रदर्शन किया कि पूरा शहर थम गया और प्रशासन को आनन-फानन में अपना फैसला वापस लेना पड़ा. अब सवाल यह है कि आखिर इस प्लान में ऐसा क्या था जिसने ऑटो चालकों को सड़क पर उतरने पर मजबूर कर दिया?
पहले ही दिन क्यों ठप हुआ नया ट्रैफिक प्लान?
पटना जंक्शन पर ट्रैफिक की समस्या को सुलझाने के लिए प्रशासन ने एक नई यातायात व्यवस्था लागू की थी. लेकिन इस व्यवस्था के लागू होते ही ऑटो चालकों का गुस्सा फूट पड़ा. सुबह होते ही हजारों ऑटो चालक हड़ताल पर चले गए और उन्होंने जंक्शन परिसर से लेकर आसपास की सड़कों पर चक्का जाम कर दिया. चालकों का आरोप था कि नए नियम उनके रोजगार के लिए ठीक नहीं हैं और इससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
देखते ही देखते यह विरोध प्रदर्शन एक बड़ी हड़ताल में तब्दील हो गया, जिससे शहर की जीवनरेखा मानी जाने वाली ऑटो सेवा पूरी तरह से ठप हो गई. ऑटो चालकों ने एकजुट होकर इस नए नियम का पुरजोर विरोध किया.
सड़कों पर हाहाकार, घंटों जाम में फंसे रहे लोग
ऑटो चालकों की इस अचानक हुई हड़ताल ने पटना की यातायात व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया. पटना जंक्शन से लेकर राजेंद्र नगर टर्मिनल तक ऑटो और अन्य वाहनों की मीलों लंबी कतारें लग गईं. शहर के प्रमुख मार्गों पर भारी जाम लग गया, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वाले लोग और यात्री घंटों फंसे रहे.
सड़कों पर अराजकता का माहौल बन गया और आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ट्रेन से उतरकर अपने गंतव्य तक जाने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई, क्योंकि उन्हें कोई साधन नहीं मिल पा रहा था.
भारी विरोध के बाद प्रशासन बैकफुट पर
दिनभर चले हंगामे और भारी विरोध को देखते हुए आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा. ऑटो चालकों के तीखे तेवर और शहर में बिगड़ते हालात को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस और जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से नए नियम को स्थगित करने का फैसला किया. अधिकारियों ने घोषणा की कि इस ट्रैफिक प्लान को एक सप्ताह के लिए रोक दिया गया है.
इस एक सप्ताह की अवधि में प्रशासन ऑटो चालक संघों के साथ मिलकर इस योजना की समीक्षा करेगा और फिर कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा. फिलहाल, जंक्शन पर पुरानी यातायात व्यवस्था ही लागू रहेगी.








