Patna Junction: जीवन की आपाधापी में, जहां कदम ताल करते हुए लोग अपनी मंज़िल की ओर बढ़ते हैं, कभी-कभी एक नाम पूरे परिवेश को एक नई पहचान दे देता है। अब पटना के दिल में स्थित एक महत्वपूर्ण आवागमन स्थल को ऐसे ही एक प्रेरक व्यक्तित्व का नाम मिलने वाला है। यह खबर राज्य की राजधानी में एक नई बहस और उम्मीद को जन्म दे रही है।
Patna Junction अंडरग्राउंड सब-वे: आचार्य किशोर कुणाल के नाम पर होगा नामकरण, डिप्टी सीएम ने भरी हामी
Patna Junction के अंडरग्राउंड सब-वे के नामकरण पर उपमुख्यमंत्री की पहल
बिहार की राजधानी पटना के केंद्र में स्थित पटना जंक्शन, न केवल रेल यात्रियों के लिए एक प्रमुख पड़ाव है, बल्कि शहर के दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग भी है। इस व्यस्ततम स्टेशन से जुड़े अंडरग्राउंड सब-वे के नामकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण मांग उठी है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस मांग पर अपनी सहमति जताते हुए कहा है कि वे इस दिशा में मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे और नामकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। यह पहल, एक जाने-माने सामाजिक और धार्मिक व्यक्तित्व, आचार्य किशोर कुणाल, के सम्मान में की जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह मांग बिहार के राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में लंबे समय से उठ रही थी। कई संगठनों और व्यक्तियों ने समाज सेवी आचार्य किशोर कुणाल के अतुलनीय योगदान को देखते हुए, पटना जंक्शन के इस महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल को उनके नाम पर करने का आग्रह किया था। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का यह बयान इन मांगों को एक नई उम्मीद और दिशा देता है। आचार्य किशोर कुणाल ने न केवल धार्मिक और सामाजिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि शिक्षा और जनकल्याण के क्षेत्र में भी उनके कार्य अविस्मरणीय हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि जनता की भावना और आचार्य किशोर कुणाल के प्रति सम्मान को देखते हुए यह फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर इस विषय पर विस्तार से चर्चा करूंगा और जल्द ही इसे अमली जामा पहनाने की कोशिश करूंगा।” यह घोषणा पटनावासियों और आचार्य कुणाल के समर्थकों के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई है, जो लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे।
नामकरण से बढ़ेगा गौरव: जनभावनाओं का सम्मान
पटना जंक्शन का अंडरग्राउंड सब-वे शहर के यातायात में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लाखों लोग प्रतिदिन इसका उपयोग करते हैं। ऐसे में इसका नाम एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के नाम पर रखना, न केवल उस व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि होगी, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा। इस कदम से न केवल आचार्य किशोर कुणाल को याद किया जाएगा, बल्कि उनके सिद्धांतों और कार्यों को भी एक नई पहचान मिलेगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह निर्णय बिहार सरकार की जनभावनाओं के प्रति संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। अक्सर देखा जाता है कि ऐसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों के नामकरण को लेकर कई तरह की राय होती है, लेकिन उपमुख्यमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री से बात करने की पहल यह सुनिश्चित करती है कि यह प्रक्रिया सहज और सम्मानजनक तरीके से संपन्न हो। यह एक ऐसा कदम है जिससे बिहार की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को और मजबूत किया जा सकेगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।





