Patna Metro: जिस रफ्तार से शहर बदल रहा है, उसी रफ्तार से अब इसकी जीवनरेखा कही जाने वाली मेट्रो सेवा भी चुनौतियों से रूबरू हो रही है। उद्घाटन के 76 दिन बाद ही एक ऐसी तकनीकी खराबी आई जिसने क्रिसमस पर पटना मेट्रो घूमने निकले हज़ारों लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
पटना मेट्रो का पहला बड़ा ब्रेकडाउन: कैसे थमी रफ्तार?
राजधानी पटना के लिए यह एक अप्रत्याशित घटना थी। जिस पटना मेट्रो को शहर की गति का प्रतीक माना जा रहा था, वह अपने उद्घाटन के ठीक 76 दिन बाद ही एक बड़ी तकनीकी खराबी की चपेट में आ गई। यह पहला मौका था जब मेट्रो रेल सेवा इस तरह से ठप पड़ी, और यह रुकावट कोई छोटी-मोटी नहीं, बल्कि पूरे साढ़े 18 घंटे तक जारी रही। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। क्रिसमस के अवसर पर मेट्रो का अनुभव लेने पहुंचे हज़ारों लोगों को इस व्यवधान से गहरी निराशा हुई। उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं जब उन्हें पता चला कि मेट्रो सेवा तकनीकी कारणों से अनुपलब्ध है। यह घटना दर्शाती है कि नई-नई शुरू हुई किसी भी बड़ी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के सामने शुरुआती दौर में ऐसी चुनौतियाँ आ सकती हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
सेवा बहाली और यात्रियों की वापसी
लगभग 18 घंटे से अधिक समय तक चले अथक प्रयासों के बाद, पटना मेट्रो की तकनीकी खराबी को आखिरकार दूर कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि पूरी रात इंजीनियरिंग टीम ने समस्या की पहचान कर उसे ठीक करने में जुटी रही। सुधार कार्य पूरा होते ही, अगले दिन से पटना मेट्रो एक बार फिर पटरी पर लौट आई और यात्रियों ने सामान्य रूप से सफर करना शुरू कर दिया। यह राहत की बात थी कि लंबे इंतजार के बाद मेट्रो परिचालन फिर से शुरू हो गया, जिससे शहरी आवागमन सुचारु हो सका। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



