Patna News: Property Tax: पटना नगर निगम की तिजोरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, बावजूद इसके करोड़ों रुपये की राहत के बाद भी लोग संपत्ति कर चुकाने में आनाकानी कर रहे हैं, जैसे कोई प्यासा पानी के स्रोत के पास होकर भी अपनी प्यास न बुझाए। यह स्थिति नगर निगम के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा करती है: इतनी बड़ी छूट के बावजूद आखिर लोग संपत्ति कर क्यों नहीं भर रहे हैं?
Property Tax: 82 करोड़ की पेनाल्टी माफ, फिर भी पटना नगर निगम की तिजोरी खाली क्यों?
पटना नगर निगम ने संपत्ति कर बकाएदारों को राहत देने के लिए एक बड़ी पहल की है, जिसके तहत 82 करोड़ रुपये की पेनाल्टी माफ की गई है। इसके बावजूद, निगम की तिजोरी लगभग खाली ही नजर आ रही है। निगम ने न केवल पेनाल्टी माफ की है, बल्कि घर-घर जाकर लोगों को समझाइश भी दी और एकमुश्त भुगतान पर अतिरिक्त छूट का प्रावधान भी किया। इतने प्रयासों के बाद भी जब संपत्ति कर वसूली संतोषजनक नहीं है, तो यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है।
Property Tax: क्या है नगर निगम की OTS योजना और क्या है इसमें खास?
पटना नगर निगम ने अपने बकाएदारों को आकर्षित करने और संपत्ति कर जमा कराने के लिए वन टाइम सेटलमेंट (OTS) योजना लागू की थी। इस योजना के तहत, संपत्ति कर पर लगने वाली बड़ी पेनाल्टी को पूरी तरह से माफ कर दिया गया था। निगम अधिकारियों ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य उन लोगों को राहत देना था, जो लंबे समय से किसी न किसी कारण से कर नहीं चुका पा रहे थे। इसके अलावा, लोगों को यह भी बताया गया कि एकमुश्त भुगतान करने पर उन्हें अतिरिक्त छूट का लाभ मिलेगा, जिससे कर का बोझ कम हो सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इन तमाम सुविधाओं के बावजूद, निगम को उम्मीद के मुताबिक राजस्व नहीं मिल पाया है।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने जनता को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाए। टीमें घर-घर जाकर लोगों को योजना के फायदे समझा रही थीं और उन्हें कर चुकाने के लिए प्रेरित कर रही थीं। इसके बावजूद, कर संग्रह की धीमी गति हैरान करने वाली है। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या जनता को इस योजना की पूरी जानकारी नहीं मिल पाई, या फिर कर चुकाने की मंशा में ही कमी है? देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
आखिर कहां अटक रहा है संपत्ति कर का पहिया?
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। कुछ लोग शायद अभी भी योजना के बारे में पूरी तरह से वाकिफ नहीं हैं, जबकि कुछ अन्य तकनीकी या प्रक्रियात्मक जटिलताओं के कारण भुगतान करने में हिचकिचा रहे हैं। इसके अलावा, एक वर्ग ऐसा भी हो सकता है, जो इतनी बड़ी राहत के बावजूद कर चुकाने से बचना चाहता है। निगम को इस मुद्दे पर गहन विश्लेषण करने की आवश्यकता है, ताकि यह पता चल सके कि वास्तविक अड़चनें कहां हैं और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। संपत्ति कर वसूली में सुधार के लिए और प्रभावी रणनीतियाँ बनाने की जरूरत है, ताकि पटना के विकास कार्यों के लिए पर्याप्त राजस्व सुनिश्चित किया जा सके।
यह महत्वपूर्ण है कि नगर निगम अपनी राजस्व स्थिति को मजबूत करे, क्योंकि शहरों के विकास के लिए संपत्ति कर एक प्रमुख स्रोत होता है। यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो आने वाले समय में पटना में आधारभूत संरचना के विकास और नागरिक सुविधाओं के विस्तार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।





