Patna Property Tax: राजधानी पटना में अब व्यावसायिक संपत्तियों पर लगने वाला टैक्स आपकी जेब पर भारी पड़ने वाला है। नगर निगम ने आय बढ़ाने के लिए एक बड़ा दांव खेला है, जिससे कई बड़े संस्थानों पर कर का बोझ दोगुना हो जाएगा।
पटना प्रॉपर्टी टैक्स: गैर-आवासीय संपत्तियों पर कर का डंडा, होटल-अस्पताल होंगे महंगे!
पटना प्रॉपर्टी टैक्स: जानिए किसे कितना देना होगा अधिक कर
पटना नगर निगम ने शहर में स्थित गैर-आवासीय संपत्तियों के संपत्ति कर में बड़ा बदलाव किया है। इस नए प्रावधान के तहत, कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर अब अधिक प्रॉपर्टी टैक्स लगेगा, जिससे उनकी परिचालन लागत में वृद्धि होने की संभावना है। यह निर्णय नगर निगम की आय में वृद्धि करने और शहरी विकास परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से लिया गया है।
नियमों में संशोधन के बाद, होटल, जिम, निजी अस्पताल, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों जैसी श्रेणियों में आने वाली गैर-आवासीय संपत्तियों पर अब दोगुना संपत्ति कर वसूला जाएगा। यह कदम इन बड़े व्यावसायिक उद्यमों से अधिक राजस्व प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। वहीं, कोचिंग संस्थान, नर्सिंग होम और निजी शिक्षण संस्थानों को भी बढ़ी हुई दर से टैक्स चुकाना होगा, इन पर 1.5 गुना कर लगाने का प्रावधान किया गया है।
यह वृद्धि सीधे तौर पर इन क्षेत्रों से जुड़ी सेवाओं और उत्पादों की लागत को प्रभावित कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अतिरिक्त बोझ अंततः उपभोक्ताओं पर भी डाला जा सकता है, जिससे आम जनता के लिए कुछ सेवाएं महंगी हो सकती हैं। पटना नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव शहर के सुनियोजित विकास और बेहतर नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक था।
गैर-आवासीय संपत्तियों पर कर वृद्धि का क्या होगा प्रभाव?
इस कर वृद्धि का सबसे बड़ा प्रभाव उन बड़े संस्थानों पर पड़ेगा जिनकी शहर में बड़ी गैर-आवासीय संपत्ति है। होटल, निजी अस्पताल और बैंकों जैसी सेवाओं के लिए ग्राहकों को भविष्य में बढ़ी हुई कीमतें चुकानी पड़ सकती हैं। कोचिंग सेंटरों और निजी शिक्षण संस्थानों पर भी यह कर का बोझ बढ़ेगा, जिसका असर छात्रों की फीस पर भी देखने को मिल सकता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। नगर निगम का लक्ष्य इस कदम से राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि करना है ताकि शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सके। “आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।” यह देखना दिलचस्प होगा कि यह निर्णय शहर की अर्थव्यवस्था और आम जनता पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव डालता है। पटना के निवासी और व्यवसायी इस नए नियम के प्रभावों को करीब से देख रहे हैं। “आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।”


