Aadhaar Card: अब स्कूल सिर्फ शिक्षा का मंदिर नहीं, बल्कि सरकारी सुविधाओं का द्वार भी बनेंगे। बिहार की राजधानी पटना के स्कूलों में जल्द ही एक ऐसी सुविधा शुरू होने वाली है, जिससे बच्चों और अभिभावकों दोनों की मुश्किलें आसान हो जाएंगी। यह पहल एक बड़े प्रशासनिक सुधार की ओर इशारा करती है, जिससे आधार संबंधित कार्यों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
पटना के स्कूलों में Aadhaar Card बनवाना हुआ आसान: जानें पूरी योजना
बिहार की राजधानी पटना में नए शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में बंद पड़े आधार केंद्रों को फिर से सक्रिय किया जा रहा है। यह पहल अभिभावकों और खासकर छोटे बच्चों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगी। दरअसल, अक्सर माता-पिता को अपने बच्चों के आधार कार्ड बनवाने या अपडेट कराने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है, जिससे समय और ऊर्जा दोनों की बर्बादी होती है। अब यह प्रक्रिया स्कूलों के भीतर ही पूरी हो सकेगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पटना जिले में कुल 48 नए आधार सेवा केंद्र खोलने की तैयारी चल रही है। इन केंद्रों के माध्यम से बच्चों के नए आधार कार्ड बनाने से लेकर पुराने कार्ड में सुधार, पता बदलवाना और बायोमेट्रिक अपडेट जैसी सभी सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह कदम विशेष रूप से उन अभिभावकों के लिए फायदेमंद होगा, जिन्हें बच्चों के स्कूल दाखिला के समय आधार कार्ड की आवश्यकता होती है।
शिक्षा विभाग और संबंधित विभागों के बीच समन्वय के बाद यह निर्णय लिया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आधार सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाना और प्रक्रिया को सुगम बनाना है। इससे बच्चों का स्कूल में नामांकन और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
छात्रों और अभिभावकों को मिलेगा सीधा लाभ
स्कूलों में आधार केंद्रों के खुलने से न सिर्फ अभिभावकों का समय बचेगा, बल्कि उन्हें अपने बच्चों को लेकर बाहर भटकना भी नहीं पड़ेगा। स्कूल परिसर में ही इन सेवाओं की उपलब्धता बच्चों की पढ़ाई पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी, क्योंकि अभिभावकों को आधार संबंधित कार्यों के लिए छुट्टी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। यह एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार है, जो आम लोगों की सुविधा को प्राथमिकता देता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस पहल से उम्मीद है कि आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया अधिक व्यवस्थित और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनेगी, जिससे बिहार में डिजिटल साक्षरता और सरकारी सेवाओं तक पहुंच में वृद्धि होगी। यह कदम दिखाता है कि सरकार किस प्रकार शिक्षा के साथ-साथ नागरिक सेवाओं को एकीकृत कर रही है।



