पटना न्यूज़: सुबह पटना की सड़कों पर फिर एक बड़ा हंगामा देखने को मिला। बिहार STET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) के अभ्यर्थियों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। क्या थी वो वजह, जिसने इन हजारों शिक्षक बनने की चाह रखने वाले युवाओं को सड़कों पर उतरने पर मजबूर कर दिया और आखिर क्यों फूटा उनका गुस्सा?
बोर्ड कार्यालय के बाहर जमावड़ा और नारेबाजी
पटना के बुद्ध मार्ग स्थित बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मुख्यालय के बाहर मंगलवार सुबह से ही STET अभ्यर्थियों का जमावड़ा शुरू हो गया था। देखते ही देखते, करीब 20-25 की संख्या में अभ्यर्थी बोर्ड ऑफिस के मुख्य द्वार के सामने इकट्ठा हो गए। हाथों में पोस्टर और बैनर लिए ये छात्र बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। उनकी आवाज में अपनी मांगों को पूरा कराने की तीव्र इच्छा और प्रशासन के प्रति नाराजगी साफ झलक रही थी।
क्या हैं अभ्यर्थियों की मुख्य मांगें?
अभ्यर्थियों का कहना था कि वे लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। STET उत्तीर्ण इन अभ्यर्थियों की मुख्य मांगों में परीक्षा परिणामों में पारदर्शिता, मेरिट लिस्ट का उचित प्रकाशन और जल्द से जल्द शिक्षक बहाली प्रक्रिया को पूरा करना शामिल था। उनका आरोप था कि बोर्ड की तरफ से अपेक्षित कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे उनके भविष्य पर तलवार लटकी हुई है। इस अनिश्चितता के माहौल से तंग आकर ही उन्होंने प्रदर्शन का रास्ता अपनाया।
स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास
प्रदर्शन के दौरान बोर्ड कार्यालय के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। स्थानीय पुलिस बल मौके पर मौजूद था और स्थिति को नियंत्रित करने का लगातार प्रयास कर रहा था। अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों से मुलाकात की मांग की, ताकि उनकी बात सीधे उच्चाधिकारियों तक पहुंच सके और कोई ठोस समाधान निकल सके। यह प्रदर्शन बिहार में शिक्षक बनने की चाह रखने वाले युवाओं की उम्मीदों और चुनौतियों को एक बार फिर सामने ले आया है।


