Power Museum: अतीत की बिजली और भविष्य की रोशनी का संगम अब पटना की धरा पर साकार होने जा रहा है। बंद पड़े थर्मल पावर प्लांट की निष्क्रिय भूमि अब ज्ञान और नवीनता के शक्ति केंद्र में बदलने को तैयार है।
बिहार में Power Museum का सपना: एक नया अध्याय
राजधानी पटना के करबिगहिया स्थित लगभग 3 एकड़ की वह भूमि, जो कभी थर्मल पावर प्लांट का हिस्सा थी और अब निष्क्रिय पड़ी है, उसे बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी द्वारा एक आधुनिक पावर म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। यह घोषणा एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद की गई, जिसमें मुख्यमंत्री के सलाहकार भी शामिल थे। इस पहल का उद्देश्य बिहार की ऊर्जा संबंधी ऊर्जा धरोहर को संरक्षित करना और आम जनता के लिए इसे सुलभ बनाना है। यह भारत का पहला ऐसा म्यूजियम होगा, जो बिजली उत्पादन और वितरण के इतिहास को व्यापक रूप से प्रदर्शित करेगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और शिक्षा
इस प्रस्तावित म्यूजियम में न केवल बिजली के ऐतिहासिक विकास को दर्शाया जाएगा, बल्कि आधुनिक तकनीकों और भविष्य की ऊर्जा संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला जाएगा। यह छात्रों, शोधकर्ताओं और आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्र साबित होगा, जहाँ वे बिजली उत्पादन की जटिल प्रक्रियाओं और इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को समझ सकेंगे। बैठक में परियोजना की रूपरेखा, वित्तपोषण और समय-सीमा पर विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि म्यूजियम को अत्याधुनिक डिस्प्ले, इंटरैक्टिव प्रदर्शनियों और डिजिटल आर्काइव्स के साथ डिजाइन किया जाए।
बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
बुधवार को आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार की उपस्थिति ने इस परियोजना के प्रति सरकार की गंभीरता को रेखांकित किया। इसमें बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया और परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। निर्णय लिया गया कि इस म्यूजियम को विकसित करने में विशेषज्ञता और नवाचार का पूरा ध्यान रखा जाएगा ताकि यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सके। यह कदम राज्य के पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा। बिहार की लगातार ख़बरें यहां पढ़ें: https://deshajtimes.com/news/bihar/
पटना का बढ़ता महत्व
पटना, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है, अब देश के ऊर्जा मानचित्र पर भी अपनी एक विशेष पहचान बनाने जा रहा है। इस ऊर्जा धरोहर केंद्र की स्थापना से शहर में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है, साथ ही यह स्थानीय युवाओं को ऊर्जा क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा। यह परियोजना मुख्यमंत्री की उस दूरदृष्टि का परिणाम है, जिसमें उन्होंने राज्य के पुराने बुनियादी ढाँचों को आधुनिक उपयोगिता वाले केंद्रों में बदलने की बात कही थी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस म्यूजियम के माध्यम से बिहार की प्रगति और तकनीकी विकास की कहानी जन-जन तक पहुंचेगी।



