NCC Cadets Promotion: फौजी वर्दी के अंदर छिपी वो कसक, जब देशभक्ति की राह में भी अधिकारों का हनन हो। मेहनत, लगन और राष्ट्र के प्रति समर्पण, ये सभी बेमानी लगने लगते हैं जब व्यवस्था की कुर्सियां आंखें मूंद लेती हैं। NCC Cadets Promotion: राजधानी पटना में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसने एनसीसी कैडेट्स के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है।
NCC Cadets Promotion: पटना विश्वविद्यालय की मनमानी, आरडीसी में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले कैडेट्स को नहीं मिली पदोन्नति
NCC Cadets Promotion पर गहराया संकट
पटना विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स के बीच इस समय जबरदस्त आक्रोश है। दरअसल, गणतंत्र दिवस परेड (आरडीसी) में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले एनसीसी कैडेट्स को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पदोन्नति से वंचित रखा गया है, जिसके बाद से छात्रों में भारी रोष व्याप्त है। कैडेट्स का आरोप है कि उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से बिहार का नाम रोशन किया, लेकिन पटना विश्वविद्यालय ने उन्हें उनके हक से महरूम कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब एनसीसी कैडेट्स भविष्य में सेना या अन्य रक्षा सेवाओं में जाने का सपना देखते हैं और यह पदोन्नति उनके करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों का आरोप
एनसीसी कैडेट्स का कहना है कि आरडीसी में शामिल होने का मौका हर किसी को नहीं मिलता। इसके लिए कड़ी मेहनत और चयन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। उन्होंने विश्वविद्यालय और राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपनी पढ़ाई और व्यक्तिगत जीवन को दांव पर लगाया, लेकिन बदले में उन्हें सिर्फ निराशा मिली। छात्रों ने इस संबंध में विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया है, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस लापरवाही से कैडेट्स का मनोबल टूट रहा है और उन्हें लग रहा है कि उनके योगदान को महत्व नहीं दिया जा रहा है।
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अधिकारियों की चुप्पी और छात्रों का आक्रोश
इस पूरे मामले पर पटना विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी रहस्यमय बनी हुई है। छात्र संगठनों ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है और जल्द ही बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। छात्रों का कहना है कि यदि उनकी पदोन्नति की मांग पूरी नहीं की गई तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। यह सिर्फ कुछ कैडेट्स का मामला नहीं है, बल्कि यह देश के उन सभी युवाओं के साथ अन्याय है जो एनसीसी के माध्यम से राष्ट्र सेवा का सपना देखते हैं। यह घटना अन्य कैडेट्स को भी हतोत्साहित कर सकती है। हमें उम्मीद है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेगा और कैडेट्स को उनका उचित हक दिलाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




