Patna Water Metro: सपनों को हकीकत में बदलने की कहानी पटना में गंगा की लहरों पर एक नई इबारत लिखने जा रही है। यह सिर्फ एक परिवहन का साधन नहीं, बल्कि शहर के विकास की एक नई सुबह है।
गंगा नदी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को नई गति देने वाली पटना वाटर मेट्रो परियोजना अपने अंतिम चरण में है। कोच्चि मॉडल पर आधारित यह वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बोट सेवा राजधानी के निवासियों के लिए एक गेम चेंजर साबित होगी। हाल ही में कंगन घाट से दीघा घाट तक इसका सफल ट्रायल पूरा किया गया है, जिसने भविष्य की उम्मीदों को और पंख दिए हैं।
Patna Water Metro: कोच्चि मॉडल पर आधारित हाई-टेक सेवा
यह परियोजना पूरी तरह से अत्याधुनिक वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बोट्स पर आधारित है, जो पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेंगी। कोच्चि में सफलतापूर्वक चल रहे वाटर मेट्रो सिस्टम की तर्ज पर पटना में भी इस सेवा को विकसित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य शहर में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना और यातायात के दबाव को कम करना है।
चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण और अन्य आवश्यक बुनियादी ढाँचे के विकास का काम भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। इन बोट्स के संचालन के लिए सुरक्षित और कुशल चार्जिंग व्यवस्था सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि सेवा निर्बाध रूप से चलती रहे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
निर्धारित समय और भविष्य की योजनाएं
विशेषज्ञों की टीम द्वारा 3 जनवरी 2026 को अंतिम निरीक्षण किया जाएगा, जिसके बाद इस प्रतिष्ठित परियोजना को आम जनता के लिए हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। यह केवल पटना के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार के लिए देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें नदी परिवहन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। शहरवासी बेसब्री से इस सेवा का इंतजार कर रहे हैं, जो उनके दैनिक आवागमन को सरल और सुखद बनाएगी।
इस नई पहल से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की पूरी संभावना है, क्योंकि पर्यटक गंगा के सुंदर नजारों का आनंद लेते हुए यात्रा कर सकेंगे। यह पटना के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
गंगा के किनारे स्थित घाटों को भी इस सेवा से जोड़ा जाएगा, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थलों तक पहुंच आसान होगी। यह समग्र शहरी नियोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो शहर में नदी परिवहन की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



