
प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान! रोहतास के करगहर से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव 2025। रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर! करगहर से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी। करगहर सीट से भिड़ेंगे प्रशांत किशोर! बिहार चुनाव में बदलेंगे समीकरण?। नई राजनीति का नारा! करगहर से शुरुआत करेंगे प्रशांत किशोर – जनता में उत्सुकता। विपक्ष-सत्ता में हलचल। बिहार में सियासी भूचाल! करगहर से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे प्रशांत किशोर@पटना,देशज टाइम्स।
प्रशांत किशोर का बड़ा दांव: करगहर विधानसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव, बिहार की राजनीति में हलचल
पटना, देशज टाइम्स। चुनावी रणनीति के मास्टरमाइंड प्रशांत किशोर (PK) अब सीधे राजनीति के मैदान में उतर चुके हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि वे रोहतास जिले की करगहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। यह घोषणा बिहार की राजनीति में नया समीकरण बनाने वाली मानी जा रही है।
करगहर से सीधा ऐलान
समर्थकों की भारी भीड़ के बीच प्रशांत किशोर ने कहा—
“अब समय आ गया है बिहार को नई दिशा देने का। जातिगत और पुरानी राजनीति को बदलना होगा।” उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता से किए हर वादे को वे पूरा करेंगे।
करगहर सीट क्यों है खास? मुकाबला और दिलचस्प
2020 चुनाव में यहां 3,24,906 मतदाता थे। करीब 59.85% मतदान दर्ज किया गया था। जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे यहां हमेशा निर्णायक भूमिका निभाते हैं। अब PK के मैदान में उतरने से यहां मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।
PK — विकास और नई राजनीति के नारे के साथ मैदान में
अब तक यहां RJD, JDU और BJP के बीच ही सीधी टक्कर रही है। लेकिन PK के आने से समीकरण बदल सकता है। पारंपरिक दल — जातीय व संगठनात्मक आधार पर मजबूत होगा। PK — विकास और नई राजनीति के नारे के साथ मैदान में।
पीके का संदेश
बिहार की जनता अब तक सिर्फ वादों और नारों से ठगी जाती रही है। राजनीति में आने का मकसद केवल चुनाव जीतना नहीं, बल्कि नई राजनीति की शुरुआत करना है। राज्य को विकास की नई दिशा देना ही लक्ष्य।
विरोधियों की प्रतिक्रिया
समर्थक बोले: “यह नई राजनीति की शुरुआत है। जनता को मिलेगा नया विकल्प।” विपक्षी दल बोले: “रणनीति बनाना और चुनाव जीतना अलग बात है। PK को ज़मीनी राजनीति साबित करनी होगी।”
बदलता चुनावी परिदृश्य
प्रशांत किशोर के मैदान में उतरने से बिहार चुनाव 2025 और ज्यादा रोमांचक हो गया है।
अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या PK पारंपरिक दलों को चुनौती देकर जनता के सामने विकास और नई सोच का मजबूत विकल्प बन पाते हैं या नहीं।