Bihar School Headmaster Protest: शिक्षा के मंदिर में जब व्यवस्था ही सवालों के घेरे में आ जाए, तो छात्र, अभिभावक और शिक्षक सभी त्रस्त हो उठते हैं। प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक की कथित मनमानी के खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान हो गया है।
प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक पर मनमानी और अव्यवस्था फैलाने के गंभीर आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, विद्यालय प्रबंधन से लेकर शिक्षण कार्य तक में उनकी कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है, जिससे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों में भारी असंतोष व्याप्त है। शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रधानाध्यापक का रवैया तानाशाही पूर्ण है और वे किसी की नहीं सुनते। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इसी मनमानी के विरोध में अब एक बड़ा आंदोलन आकार ले रहा है।
Bihar School Headmaster Protest: प्रधानाध्यापक पर मनमानी के आरोप क्या हैं?
प्रधानाध्यापक पर विद्यालय के भीतर कई अनियमितताओं का आरोप है। इनमें शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार, मनमाने ढंग से छुट्टियों को रद्द करना, विद्यालय के फंड का उचित हिसाब न देना और छात्रों के प्रति उदासीन रवैया शामिल है। अभिभावकों का कहना है कि उनकी शिकायतों को भी अनसुना कर दिया जाता है, जिससे उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्र और उनके परिजन इस स्थिति से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
माले (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट लिबरेशन) ने प्रधानाध्यापक की कथित मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि आगामी 5 तारीख को विद्यालय के समीप मुख्य सड़क को जाम किया जाएगा। यह कदम प्रधानाध्यापक के खिलाफ तत्काल कार्रवाई और विद्यालय में बेहतर शैक्षिक माहौल स्थापित करने की मांग को लेकर उठाया जा रहा है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि प्रशासन ने अगर जल्द इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया तो आंदोलन और उग्र हो सकता है। यह पूरा मामला अब शिक्षा विभाग जांच के दायरे में आ सकता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
क्या हैं आंदोलनकारियों की मुख्य माँगें?
आंदोलनकारियों की मुख्य मांगों में प्रधानाध्यापक का तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण या निलंबन, विद्यालय के खातों की पारदर्शिता सुनिश्चित करना, शिक्षकों और छात्रों के लिए भयमुक्त और सम्मानजनक वातावरण तैयार करना तथा अभिभावकों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई शामिल है। उनका मानना है कि जब तक इन मांगों पर गौर नहीं किया जाता, तब तक वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। छात्र संगठनों ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन देने की बात कही है।
स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग का रुख
इस गंभीर मामले को लेकर अभी तक स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अधिकारियों ने सिर्फ इतना कहा है कि वे मामले की जानकारी ले रहे हैं और उचित कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यह आश्वासन आंदोलनकारियों को संतुष्ट करने के लिए काफी नहीं है। अभिभावकों का आरोप है कि शिक्षा विभाग जांच में देरी कर रहा है। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में यह विवाद और गहरा सकता है, जिसका सीधा असर विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था और छात्रों के भविष्य पर पड़ेगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




