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16 जनवरी, 2024
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विशेष | Rameshwar Singh, दरभंगा के स्तंभ, विकासवादी प्रशासक, प्रयोगवादी उद्योगपति, सनातनी धर्माधिकारी…जानिए

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पटना (Patna): आज, 16 जनवरी 2025, बिहार के महान व्यक्तित्व रमेश्वर सिंह की जयंती है। उनका जन्म 16 जनवरी 1860 को दरभंगा राज परिवार में हुआ था। अपने बहुआयामी व्यक्तित्व के लिए प्रसिद्ध रमेश्वर सिंह एक विकासवादी प्रशासक, प्रयोगवादी उद्योगपति और सनातनी राजा के रूप में जाने जाते हैं।

शिक्षा और प्रशासनिक करियर

रमेश्वर सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दरभंगा, मुजफ्फरपुर और कोशी में प्राप्त की। 1878 में उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Civil Services) में हुआ और उन्होंने दरभंगा, छपरा और भागलपुर में सहायक जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया।

राजनीतिक सफर की शुरुआत (1885):

  • 1885 में उन्हें बंगाल विधान परिषद (Bengal Legislative Council) के लिए मनोनीत किया गया।
  • 1899 में रमेश्वर सिंह को भारत के गवर्नर जनरल की काउंसिल ऑफ इंडिया का सदस्य बनाया गया।
  • 21 सितंबर 1904 को वे बॉम्बे प्रांत से गोपाल कृष्ण गोखले और बंगाल प्रांत से भारत काउंसिल के सदस्य बने।
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बिहार निर्माण आंदोलन और पटना का विकास

रमेश्वर सिंह ने बिहार निर्माण आंदोलन (Bihar Formation Movement) का नेतृत्व किया।

  • 1912 में बिहार-ओडिशा का गठन हुआ, और वे गवर्नर काउंसिल के इकलौते भारतीय सदस्य बने।
  • 1912 से 1917 तक उन्होंने पटना को नई राजधानी के रूप में विकसित करने में अहम भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से पटना में पार्क और पेयजल जैसी सुविधाएँ सुलभ हुईं।

उद्योग और शिक्षा में योगदान

रमेश्वर सिंह को बिहार में औद्योगिक युग का जनक (Father of Industrial Era) माना जाता है।

  • उन्होंने चीनी और जूट उद्योग की स्थापना की।
  • शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कई विश्वविद्यालयों का सहयोग किया। वे हिंदू यूनिवर्सिटी सोसाइटी के अध्यक्ष थे और देश को पहला निजी विश्वविद्यालय देने का श्रेय उन्हें जाता है।
  • पटना मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए उन्होंने भूमि और धनराशि दान की।
  • कलकत्ता, अलीगढ़ और पटना विश्वविद्यालयों में उनके नाम दानदाताओं की सूची में सबसे ऊपर है।
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ब्रिटिश सरकार की नीतियों का विरोध

रमेश्वर सिंह ने भारतीय पुलिस आयोग (Indian Police Commission) के सदस्य के रूप में ब्रिटिश सरकार की नीतियों का कड़ा विरोध किया।

  • उन्होंने सुझाव दिया था कि पुलिस भर्ती एक समान परीक्षा के आधार पर भारत और ब्रिटेन में आयोजित होनी चाहिए।
  • उनके इस सुझाव को आयोग ने अस्वीकार कर दिया, लेकिन यह भारतीय प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी।
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धर्म और समाज में योगदान

  • वे भारतीय उद्योग संघ, अखिल भारतीय लैंडहोल्डर एसोसिएशन और भारत धर्म महामंडल के अध्यक्ष रहे।
  • सनातन धर्म संसद और विक्टोरिया मेमोरियल ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य के रूप में कार्य किया।

सम्मान और उपाधियाँ

  • 1900 में उन्हें कैसर-ए-हिंद पदक से सम्मानित किया गया।
  • उन्हें “प्रवर भगीरथ” और अन्य उपाधियों से नवाजा गया।

मृत्यु

सिद्ध तांत्रिक और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी रमेश्वर सिंह का 1929 में निधन हो गया।

निष्कर्ष:
रमेश्वर सिंह का जीवन और योगदान बिहार के प्रशासन, शिक्षा, उद्योग और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में एक प्रेरणा है। उनके कार्य आज भी उनकी विरासत को जीवित रखते हैं।

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