मुख्य बिंदु (प्वाइंटर)। राजद ने जदयू का नया मतलब बताया: जहां दारू अनलिमिटेड
- राजद का तंज: जदयू को नए रूप में परिभाषित किया
- मजेदार बयान: “जहां दारू अनलिमिटेड” कहकर किया कटाक्ष
- राजनीतिक माहौल: आगामी चुनावों के मद्देनजर आरोप-प्रत्यारोप
- नीतीश सरकार पर निशाना: शराबबंदी कानून की आलोचना
- जदयू की प्रतिक्रिया: पार्टी की ओर से पलटवार का इंतजार
- Tejashwi Yadav: नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति की आलोचना
सबहेड
राजनीति में कटाक्ष, राजद का नया हमला
क्रासर
राजनीति में कटाक्ष का नया अध्याय, राजद ने (RJD explained the meaning of JDU) जदयू पर साधा निशाना
सबटाइटल: “जहां दारू अनलिमिटेड” है
बिहार की सियासत में राजद ने एक बार फिर जदयू पर तंज कसते हुए कहा है कि जदयू का मतलब अब “जहां दारू अनलिमिटेड” है।
इस बयान से एक ओर जहां राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है, वहीं नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की शराबबंदी (Prohibition Policy) पर भी सवाल उठाए गए हैं।
जदयू का उड़ाया मजाक, कह दी बड़ी बात
पटना: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से कटाक्षों की झड़ी लग गई है। राजद (RJD) ने जदयू (JDU) पर तीखा हमला बोलते हुए उसके नाम का नया मतलब बताया है।
– जहां
– दारू
– अनलिमिटेडQ- बिहार में शराबबंदी के बावजूद हर घर उपलब्ध शराब तथा जहरीली शराब से हो रही मौतों का ज़िम्मेवार कौन?
A- नीतीश कुमार और JDU pic.twitter.com/ZwLjFAEU7P
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) October 24, 2024
राजद के नेताओं ने जदयू का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि अब “जहां दारू अनलिमिटेड” के तौर पर इसे जाना जाना चाहिए।
“दिखावा” करार…राजद का नीतीश सरकार पर बड़ा हमला
बिहार की राजनीति में एक बार फिर से कटाक्षों की झड़ी लग गई है। राजद ने जदयू (जनता दल यूनाइटेड) पर तीखा हमला बोलते हुए उसके नाम का नया मतलब बताया है। राजद के नेताओं ने जदयू का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि अब “जहां दारू अनलिमिटेड” के तौर पर इसे जाना जाना चाहिए।
यह बयान आगामी चुनावों में एक अहम मुद्दा बन सकता है
राजद की इस टिप्पणी का सीधा निशाना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार के शराबबंदी कानून पर है। हालांकि, जदयू की ओर से अभी तक इस बयान पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान आगामी चुनावों में एक अहम मुद्दा बन सकता है।
शराबबंदी कानून के बावजूद शराब की उपलब्धता यथावत
राजद ने इस कटाक्ष के जरिये नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति की विफलताओं को उजागर करने की कोशिश की है। विपक्ष का आरोप है कि बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद शराब की उपलब्धता बनी हुई है, और अवैध शराब का धंधा फल-फूल रहा है।