बिहार से एक बड़ी खबर सामने आई है जिसने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। एक हत्या के बाद अब सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। आखिर क्यों राष्ट्रीय जनता दल ने सत्तारूढ़ NDA गठबंधन पर गंभीर आरोप मढ़ दिए हैं, जिसने ‘भेदभाव’ के नए सवाल खड़े कर दिए हैं? जानिए इस पूरे मामले की अंदरूनी परतें।
हाल ही में बिहार में हुई एक हत्या ने प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है, जिस पर सत्ताधारी एनडीए गठबंधन और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, इस हत्या का शिकार हुए व्यक्ति जदयू के एक नेता और पेशे से कपड़ा व्यवसायी भी थे। उनकी असामयिक मौत ने न केवल उनके परिवार और व्यावसायिक समुदाय को झकझोरा है, बल्कि इसने राजनीतिक दलों को एक-दूसरे पर निशाना साधने का मौका भी दे दिया है।
‘भेदभाव’ के आरोपों से गरमाई सियासत
इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय जनता दल ने एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राजद के प्रवक्ता ने सीधे तौर पर कहा है कि राज्य में ‘कार्रवाई में भेदभाव’ किया जा रहा है।
राजद का आरोप है कि कुछ खास मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाती है, जबकि अन्य मामलों में पुलिस और प्रशासन की ओर से ढिलाई बरती जाती है। यह आरोप सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
कानून-व्यवस्था पर विपक्ष का हमला
विपक्षी दल लगातार बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर सरकार को घेरते रहे हैं। इस ताजा घटना के बाद उन्होंने एक बार फिर कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है।
इस राजनीतिक रस्साकशी के बीच, आम जनता की उम्मीदें सिर्फ इतनी हैं कि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और राज्य में शांति व्यवस्था कायम हो। अब देखना होगा कि एनडीए सरकार इन आरोपों का जवाब कैसे देती है और इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।


