पटना। सलीम परवेज की घर वापसी हो गई है। सलीम परवेज ने रविवार को राजद का दामन छोड़ फिर से जदयू का दामन पकड़ लिया है। कुछ अरसे पहले वह राष्ट्रीय जनता दल में चले गए थे लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने जदयू की सदस्यता ले ली है।
सलीम परवेज 2018 में जदयू छोड़कर राजद में चले गए थे
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की मौजूदगी में उन्होंने आज जदयू की सदस्यता ले ली। जदयू में रहते हुए नीतीश कुमार ने कभी उन्हें विधान परिषद का उपसभापति बनाया था।
राजद से इस्तीफा देने के बाद करीमचक स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता कर सलीम परवेज ने कहा था कि “डॉ शहाबुद्दीन राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापकों में से थे।
उन्होंने न केवल पार्टी के गठन में भूमिका निभाई बल्कि लालू और राबड़ी के नेतृत्व में बिहार में स्थापित होने वाली सरकारों के गठन में विपरीत परिस्थितियों में भी सक्रिय व महत्वपूर्ण रोल अदा किया था। राजद के एमवाई समीकरण के आधार को एकजुट करने में वे एक महत्वपूर्ण कड़ी थे।”
सलीम परवेज को मोहम्मद शहाबुद्दीन का बेहद करीबी माना जाता है। जब इन्होंने राजद का साथ छोड़ा था तब ही इन्होंने खुलासा किया था कि “डॉ शहाबुद्दीन से मेरा व्यक्तिगत संबंध था। वे न केवल मेरे अच्छे मित्र व भाई समान थे बल्कि मेरी उनसे काफी अंतरंगता रही।
शहाबुद्दीन के बीमार पड़न से लेकर मौत की घटनाओं के बीच पार्टी के किसी भी नेता का बयान तक नहीं आना निराशा पूर्ण है। पार्टी के इस रवैया से मैं दुखी और मर्माहत होकर विरोध स्वरूप अपने प्रदेश उपाध्यक्ष के पद और प्राथमिक सदस्यता से तत्काल इस्तीफा दे रहा हूं।”
तेजस्वी यादव पर बड़ा आरोप लगाते हुए सलीम ने कहा था कि जब दिल्ली में मोहम्मद शहाबुद्दीन का निधन हुआ, तभी तेजस्वी यादव वहां से मात्र पांच किलोमीटर की दूरी पर थे लेकिन वे मिट्टी देने के लिए नहीं पहुंचे। तो जब वो वहां नहीं पहुंचे तो सीवान क्या पहुंचेंगे।
ये राज्य के लोगों को समझना चाहिए लेकिन राजद ने जो शहाबुद्दीन के साथ किया वो बिल्कुल गलत है। साल 1995 और 2001 में शहाबुद्दीन ने अपने दम पर राजद की सरकार बनवा दी थी लेकिन उनके निधन के बाद उनका सम्मान नहीं किया गया। इससे ज्यादा कोई नेता और क्या कोई कर सकता है।
इसी साल मई महीने में विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज ने राजद से इस्तीफा दे दिया था। सलीम परवेज को तेजस्वी ने पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी लेकिन पूर्व बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की मौत के बाद इन्होंने पार्टी आलाकमान को त्यागपत्र सौंप दिया था।
उल्लेखनीय है कि बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति रह चुके सलीम परवेज को बड़ा मुस्लिम चेहरा माना जाता है। 23 अक्टूबर 2018 को उन्होंने जदयू छोड़ कर राजद की सदस्यता ली थी लेकिन पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके सम्मान के सवाल पर उन्होंने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।