समस्तीपुर से बड़ी खबर!
समस्तीपुर स्थित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय आजकल एक अनोखी वजह से चर्चा में है. यहां अब खेती-किसानी की पारंपरिक पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को कुछ ऐसा भी सिखाया जा रहा है, जो उन्हें एक बेहतर वक्ता और कलाकार बना सकता है. क्या है यह पूरा मामला और क्यों एक कृषि विश्वविद्यालय को इसकी जरूरत पड़ी?
दरअसल, विश्वविद्यालय में नए सत्र के छात्रों के लिए ‘दीक्षारंभ’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. यह एक तरह का ओरिएंटेशन प्रोग्राम है, जिसका मकसद नए छात्रों को विश्वविद्यालय के माहौल से परिचित कराना है. लेकिन इस बार इस कार्यक्रम को और भी खास बना दिया गया है. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्रों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए एक नई पहल की है, जिसकी हर तरफ सराहना हो रही है.
सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, सॉफ्ट स्किल्स पर भी जोर
विश्वविद्यालय का मानना है कि आज के दौर में छात्रों को सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखा जा सकता. प्रतिस्पर्धा के इस युग में अकादमिक उत्कृष्टता के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल्स का होना भी उतना ही आवश्यक है. इसी सोच के साथ ‘दीक्षारंभ’ कार्यक्रम के दौरान छात्रों के अंदर अभिनय कौशल (Acting Skills) और अन्य जरूरी सॉफ्ट स्किल्स को विकसित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.
इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के व्यक्तित्व को निखारना और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना है. विश्वविद्यालय चाहता है कि यहां से निकलने वाला हर छात्र न केवल अपने क्षेत्र का विशेषज्ञ हो, बल्कि एक स्मार्ट और आत्मविश्वासी पेशेवर भी बने.
सर्वांगीण विकास से खुलेगी सफलता की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि अभिनय और थिएटर जैसी गतिविधियां छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इनसे न केवल छात्रों की झिझक दूर होती है, बल्कि उनमें कई अन्य गुणों का भी विकास होता है. विश्वविद्यालय की इस पहल से छात्रों को निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं:
- संवाद कौशल में सुधार
- शारीरिक हाव-भाव (Body Language) में सकारात्मक बदलाव
- सार्वजनिक रूप से बोलने (Public Speaking) का आत्मविश्वास
- टीम के साथ मिलकर काम करने की क्षमता का विकास
- रचनात्मक सोच को बढ़ावा
कुलपति और विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस तरह के प्रशिक्षण से छात्रों का सर्वांगीण विकास होगा. यह पहल छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगी और उन्हें करियर में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करेगी. यह कदम कृषि शिक्षा के क्षेत्र में एक नए और सकारात्मक बदलाव का संकेत है.








