Samastipur News: ज्ञान के बाग में नवोन्मेष के फूल खिले, जहां शिक्षकों ने अपनी रचनात्मकता के माध्यम से भविष्य की पीढ़ी को संवारने का संकल्प लिया।
Samastipur News: बेलारी में शिक्षण सामग्री मेले ने जगाई नई उम्मीद, छात्रों को मिलेगा बेहतर शिक्षा का उपहार!
Samastipur News: हरदीश नारायण उच्च विद्यालय में दिखा शिक्षकों का अनोखा हुनर
समस्तीपुर जिले के बेलारी प्रखंड स्थित हरदीश नारायण उच्च विद्यालय में शनिवार को संकुल स्तरीय टीएलएम (शिक्षण अधिगम सामग्री) मेले का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को शिक्षण प्रक्रिया को रुचिकर और प्रभावी बनाने के लिए नई-नई सामग्री विकसित करने और उन्हें साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना था। शिक्षकों ने अपनी रचनात्मकता और नवाचार का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न प्रकार की शिक्षण सामग्री प्रस्तुत की, जो छात्रों को जटिल अवधारणाओं को आसानी से समझने में मदद कर सकती हैं।
इस मेले में प्राथमिक से लेकर उच्च विद्यालयों तक के शिक्षकों ने भाग लिया और अपने द्वारा तैयार की गई सामग्री का प्रदर्शन किया। यह आयोजन शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यहां प्रदर्शित सामग्री में विज्ञान, गणित, भाषा और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों से संबंधित मॉडल, चार्ट और प्रायोगिक उपकरण शामिल थे।
शिक्षकों ने बताया कि ऐसी सामग्री छात्रों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान देने के बजाय व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करती है, जिससे उनकी सीखने की क्षमता में वृद्धि होती है। इस मेले के माध्यम से शिक्षकों को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और नई शिक्षण सामग्री विकसित करने का अवसर मिला, जो अंततः छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होगा। यह प्रयास निश्चित रूप से छात्रों के सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाएगा, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
विद्यालय के प्राचार्य ने मेले की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से शिक्षकों का मनोबल बढ़ता है और वे शिक्षण की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल छात्रों में सीखने के प्रति रुचि बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम
यह संकुल स्तरीय टीएलएम मेला केवल एक प्रदर्शनी नहीं था, बल्कि यह शिक्षकों के बीच ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान का एक प्रभावी माध्यम भी बना। उम्मीद है कि इस तरह के आयोजन भविष्य में भी होते रहेंगे, जिससे बिहार के शिक्षा परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आएगा और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। इस पहल से न केवल शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण पद्धतियों से परिचित होने का मौका मिला, बल्कि छात्रों में भी शिक्षा के प्रति एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।



