Samastipur News: जब व्यवस्था की दीवारें गूंगी हो जाएं और न्याय की उम्मीदें दम तोड़ने लगें, तब अक्सर भूख ही आवाज़ बन जाती है। बिहार के समस्तीपुर में भी कुछ ऐसा ही मंज़र है, जहाँ माले कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं। यह अनशन प्रशासन की कथित उदासीनता और जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार के मौन रवैये के खिलाफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
माले कार्यकर्ताओं ने विभिन्न लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल का मार्ग चुना है। इन मांगों में स्थानीय समस्याओं का समाधान, गरीबों के लिए आवास योजना, रोजगार सृजन और भ्रष्टाचार पर अंकुश जैसे मुद्दे शामिल हैं, जिनकी अनदेखी लंबे समय से की जा रही है।
समस्तीपुर न्यूज़: अनशनकारी कार्यकर्ताओं की मुख्य मांगें
अनशन पर बैठे प्रमुख कार्यकर्ताओं में निम्नलिखित लोग शामिल हैं:
- प्रखंड सचिव गंगा प्रसाद पासवान
- पप्पू यादव
- अमरजीत पॉल
- शमीम मंसूरी
- शिव प्रसाद गोपाल
ये सभी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और प्रशासन से अविलंब हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, उनका अनशन जारी रहेगा। विगत कई दिनों से इन मुद्दों पर स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए थे, लेकिन कोई सुनवाई न होने के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से क्षेत्र में गहमागहमी बढ़ गई है और आम जनता के बीच भी इन मुद्दों पर चर्चा तेज हो गई है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
प्रशासन पर बढ़ा दबाव, क्या निकलेगा समाधान?
माले कार्यकर्ताओं द्वारा उठाई गई मांगें सीधे तौर पर आम जनजीवन से जुड़ी हुई हैं। इनमें प्रमुख रूप से भू-राजस्व से संबंधित विवादों का निपटारा, मनरेगा मजदूरों को समय पर भुगतान, राशन कार्ड धारकों को अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करना और स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार जैसे बिंदु शामिल हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन इन समस्याओं पर लगातार आंखें मूंदे हुए है।
स्थानीय लोगों का भी इस आंदोलन को समर्थन मिल रहा है, क्योंकि वे भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं। अनशन स्थल पर समर्थकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है, जो कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में कब तक हस्तक्षेप करता है और इन मांगों का क्या समाधान निकालता है। यह आंदोलन समस्तीपुर की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




