पटना। आपका महंगा स्मार्टफोन चोरी हो जाए तो दिल बैठ जाता है, लेकिन अब शायद उतनी घबराने की जरूरत नहीं. केंद्र सरकार का एक डिजिटल पोर्टल मोबाइल चोरों के लिए ‘काल’ बनकर सामने आया है, जो न सिर्फ फोन को ट्रेस करता है, बल्कि उसे ढूंढ निकालने में पुलिस की सीधी मदद भी कर रहा है. बिहार में इसके जरिए मिले शानदार नतीजों के आंकड़े अब सामने आ गए हैं.
मोबाइल फोन आज हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है. इसमें हमारी निजी जानकारियों से लेकर बैंकिंग डिटेल्स तक सब कुछ होता है. ऐसे में फोन का खोना या चोरी होना एक बड़ी मुसीबत बन जाता है. इसी समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार के दूरसंचार विभाग ने ‘संचार साथी’ नाम से एक बेहद कारगर पोर्टल लॉन्च किया था, जिसका असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है.
क्या है ‘संचार साथी’ पोर्टल?
‘संचार साथी’ एक नागरिक केंद्रित पहल है, जिसे विशेष रूप से खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने और ब्लॉक करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य चोरी हुए फोन के दुरुपयोग को रोकना और पुलिस को डिवाइस का पता लगाने में तकनीकी सहायता प्रदान करना है. यह सिस्टम देश भर में मौजूद सभी मोबाइल नेटवर्कों के IMEI डेटाबेस से जुड़ा हुआ है, जो इसे बेहद प्रभावी बनाता है.
कैसे काम करता है यह सिस्टम?
यह पोर्टल एक केंद्रीकृत सिस्टम पर काम करता है. जब कोई यूजर अपना फोन खोने की शिकायत इस पर दर्ज करता है, तो फोन के IMEI नंबर को नेटवर्क पर ब्लॉक कर दिया जाता है. इसके बाद उस फोन में कोई भी दूसरा सिम कार्ड काम नहीं करता. लेकिन जैसे ही कोई चोर उसमें नया सिम डालने की कोशिश करता है, सिस्टम को तुरंत उस सिम की जानकारी और फोन की लोकेशन का अलर्ट मिल जाता है. यह जानकारी सीधे पुलिस तक पहुंचाई जाती है, जिससे फोन की बरामदगी आसान हो जाती है.
यदि आपका फोन खो जाता है, तो आप इन कदमों का पालन कर सकते हैं:
- सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराएं.
- इसके बाद sancharsaathi.gov.in पोर्टल पर जाएं.
- ‘Block Stolen/Lost Mobile’ विकल्प को चुनें.
- FIR की कॉपी, मोबाइल का बिल और एक सरकारी पहचान पत्र के साथ मांगी गई सभी जानकारी भरें.
- फॉर्म सबमिट करते ही आपका फोन ब्लॉक हो जाएगा और ट्रैकिंग के लिए लिस्ट हो जाएगा.
बिहार में दिखा शानदार असर
बिहार में ‘संचार साथी’ पोर्टल के नतीजे बेहद चौंकाने वाले और सकारात्मक रहे हैं. हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, इस सिस्टम के माध्यम से राज्य में अब तक 6,131 चोरी या गुम हो चुके मोबाइल फोनों को सफलतापूर्वक ट्रेस कर लिया गया है. यह आंकड़ा दिखाता है कि टेक्नोलॉजी और पुलिस के बीच का समन्वय किस तरह आम लोगों को राहत पहुंचा रहा है.
यह पोर्टल न केवल लोगों को उनके कीमती डिवाइस वापस दिला रहा है, बल्कि मोबाइल चोरों के नेटवर्क पर भी एक बड़ी डिजिटल स्ट्राइक कर रहा है. जैसे-जैसे लोगों में इस सुविधा को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, इसके और भी बेहतर परिणाम सामने आने की उम्मीद है.


