Sasaram Overbridge: जिस फ्लाईओवर को शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए बनाया गया था, आज वही एक विशालकाय पार्किंग स्थल और बाजार में तब्दील हो गया है। विकास की प्रतीक यह संरचना अब खुद ही अव्यवस्था का आईना बन गई है।
बिहार के सासाराम शहर में नव-निर्मित ओवरब्रिज, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग-319 के स्थान पर सासाराम-चौसा स्टेट हाइवे-17 पर यातायात को सुचारु बनाने के लिए बनाया गया था, अब एक विशाल पार्किंग स्थल में बदल चुका है। शहर में पार्किंग की व्यवस्था के अभाव ने इस महत्वपूर्ण फ्लाईओवर को ईंट-बालू, सब्जी और फल बेचने वालों का अस्थाई कारोबार केंद्र बना दिया है। इससे न केवल यातायात बाधित हो रहा है, बल्कि सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं।
Sasaram Overbridge: आखिर क्यों बना पार्किंग का ठिकाना?
आमतौर पर पुलों का निर्माण वाहनों की आवाजाही को गति देने और भीड़भाड़ कम करने के लिए किया जाता है, लेकिन सासाराम का यह ओवरब्रिज अपनी मूल अवधारणा से पूरी तरह भटक गया है। पुल के दोनों ओर फुटपाथ पर और यहां तक कि सड़क के बीच में भी वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे निकलने में राहगीरों और अन्य वाहन चालकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति शहर की अव्यवस्थित शहरीकरण और प्रशासनिक निष्क्रियता को उजागर करती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह सिर्फ पार्किंग का मसला नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर यातायात सुरक्षा का मुद्दा भी बन गया है। पुल पर ट्रकों, ठेले-खोमचे वालों और अन्य छोटे विक्रेताओं की मौजूदगी ने इसे एक अनौपचारिक मंडी का रूप दे दिया है। इस अवैध पार्किंग के कारण अक्सर यहां जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे आपातकालीन वाहनों को भी निकलने में परेशानी होती है। स्थानीय निवासी इस स्थिति से बेहद परेशान हैं और प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग कर रहे हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
पार्किंग समस्या का स्थायी समाधान क्यों नहीं?
शहर में व्यवस्थित पार्किंग स्थलों की कमी एक पुरानी समस्या है, जिसने अब एक नवनिर्मित इंफ्रास्ट्रक्चर को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इस ओवरब्रिज पर बेतरतीब वाहनों का खड़ा होना और कारोबारियों का कब्जा, यह दर्शाता है कि स्थानीय प्रशासन शहर के लिए कोई प्रभावी पार्किंग नीति या व्यवस्था लागू करने में विफल रहा है। अगर समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह स्थिति और भी विकराल रूप ले सकती है जिससे शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी। इस गंभीर मुद्दे पर हम लगातार रिपोर्टिंग कर रहे हैं, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल प्रभाव से इस ओवरब्रिज से अवैध कब्जा हटाए और व्यवस्थित पार्किंग स्थलों की पहचान कर उनका विकास करे। साथ ही, यातायात पुलिस को पुल पर निरंतर निगरानी रखनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो। जब तक शहर में पर्याप्त और सुव्यवस्थित पार्किंग सुविधाएं उपलब्ध नहीं होंगी, तब तक ऐसे नवनिर्मित ढांचों का दुरुपयोग होता रहेगा, और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा। यह ख़बर आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


