

पटना, देशज टाइम्स। बिहार में बीस साल बाद आरा मिल संचालकों को फिर से लाइसेंस दिए जाएंगे। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा इसके लिए तेज़ी से तैयारी की जा रही है। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में कहा कि दो दिवसीय शिविर लगाकर यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
दो दिन में होगा निपटारा, 2720 मिलें होंगी वैध
मंत्री ने बताया कि राज्य में कुल 2720 आरा मिलें औपबंधिक वरीयता सूची में पंजीकृत हैं। दो दिन की सुनवाई के बाद योग्य संचालकों को लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे।
बिना लाइसेंस की मिलें होंगी बंद
मंत्री ने सख्त लहजे में कहा,
“राज्य सरकार का स्पष्ट निर्देश है – बिना लाइसेंस कोई भी आरा मिल नहीं चलेगी।”
अवैध मिलों की पहचान कर तत्काल बंद कराया जाएगा और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई होगी।
लाइसेंस रिन्यूअल व ट्रांसफर होगा आसान
डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि इस शिविर में लंबित लाइसेंस रिन्यूअल, मिल स्थानांतरण, और लोकेशन बदलाव जैसी प्रक्रियाओं को भी सरल और सुविधाजनक बनाया गया है।
“पुराने लाइसेंसधारी जो वर्षों से रिन्यूअल का इंतज़ार कर रहे थे, उन्हें नई नीतियों के तहत राहत दी जाएगी।”
बिहार सरकार के इस कदम से लंबे समय से परेशान आरा मिल संचालकों को राहत मिलेगी, वहीं अवैध लकड़ी कारोबार पर भी लगाम लगेगी।








