जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर चार नेताओं को पार्टी से निलंबित करने की घोषणा मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में की। यह घोषणा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने की है।
निलंबित किये गये चार नेताओं में जदयू के प्रदेश महासचिव अनिल कुमार, प्रदेश महासचिव विपिन कुमार यादव, प्रदेश प्रवक्ता डॉ अजय आलोक शामिल है। साथ ही समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जितेंद्र नीरज को भी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया गया है। बताया जा रह है कि निलंबित किये गये चारों नेता आरसीपी सिंह के समर्थक रहे हैं।
निलंबन की घोषणा करते हुए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने बताया कि पिछले कई महीनों से ऐसी सूचनाएं मिल रही थी कि पार्टी के पदाधिकारी दल के विपरीत जाकर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। ऐसे पदाधिकारियों के कारण जदयू के कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जा रहा था। कुछ से व्यक्तिगत तौर पर बात कर ऐसे कृत से परहेज करने का परामर्श दिया गया था। बावजूद इसके इन नेताओं के कार्य दल विरोधी है। इसीलिए इनको जदयू की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद आरसीपी सिंह, जदयू के अंदर अलग-थलग पड़ चुके हैं। जदयू ने उन्हें फिर से राज्य सभा भी नहीं भेजा, जिस कारण उनका केन्द्रीय मंत्री पद भी जाएगा। लेकिन आरसीपी सिंह के समर्थक लगातार सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर रहे थे। कहा जा रहा है कि चार लोगों को हटाकर पार्टी ने कड़ा मैसेज दिया है। अन्य कुछ पर भी गाज गिर सकती है।
जानकारी के अनुसार, जदयू ने जब 9 जून को कार्यकर्ताओं के लिए चेतावनी वाला पत्र जारी किया था, उसी समय यह साफ हो गया था कि कुछ नेताओं पर कार्यवाही की जा सकती है। आखिरकार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने जदयू के प्रदेश महासचिव अनिल कुमार, प्रदेश महासचिव विपिन कुमार यादव, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक और भंग सुधार सेनानी के प्रकोष्ठ अध्यक्ष जितेन्द्र नीरज को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।
इसे जदयू के अंदर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरपी सिंह के बीच चल रहे पावर वार से जोड़ कर देखा जा रहा है।