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दिसम्बर, 26, 2025

Bihar Connectivity: 8.44 करोड़ से बन रहा सिसवा घाट पुल, अब गोरखपुर-कुशीनगर तक होगी आसान पहुंच, 25 KM घटेगी दूरी

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Bihar Connectivity: बिहार-यूपी की दहलीज पर एक नए पुल का निर्माण सिर्फ ईंट-सीमेंट का संगम नहीं, बल्कि दो राज्यों के दिलों को जोड़ने वाली एक नई जीवनरेखा है। यह विकास की एक ऐसी राह खोलेगा, जिससे दशकों से चली आ रही दूरियां अब नज़दीकियों में बदल जाएंगी।

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Bihar Connectivity: 8.44 करोड़ से बन रहा सिसवा घाट पुल, अब गोरखपुर-कुशीनगर तक होगी आसान पहुंच, 25 KM घटेगी दूरी

Bihar Connectivity: क्या है सिसवा घाट पुल की अहमियत?

बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए एक बड़ी सौगात के रूप में सिसवा घाट पुल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। 8.44 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह पुल बिहार के सिसवा, घाघवा, रुपही, खलवा पट्टी, गुलरिहा समेत लगभग 8 से 10 गांवों के निवासियों के लिए वरदान साबित होगा। इस परियोजना का उद्देश्य इन ग्रामीण इलाकों को उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे गोरखपुर और कुशीनगर से सीधा और सुगम संपर्क प्रदान करना है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह महज एक पुल नहीं, बल्कि दोनों राज्यों के बीच व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच का एक नया माध्यम बनने जा रहा है।

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इस पुल के बन जाने से बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच की दूरी लगभग 25 से 30 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे यात्रा का समय और लागत दोनों में महत्वपूर्ण बचत होगी। अब इन गांवों के लोग आसानी से इलाज, पढ़ाई और व्यापार के अवसरों के लिए गोरखपुर और कुशीनगर जैसे बड़े शहरों तक पहुंच सकेंगे। आपात स्थिति में, मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना भी काफी आसान हो जाएगा, जिससे कई जिंदगियां बचाई जा सकेंगी। यह न केवल यातायात को सुगम बनाएगा बल्कि संबंधित क्षेत्रों में क्षेत्रीय विकास की गति को भी तेज करेगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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परियोजना की लागत और गांवों को लाभ

यह महत्वाकांक्षी परियोजना 8.44 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरी की जाएगी। इसका सीधा लाभ उन गांवों को मिलेगा जो अब तक खराब सड़क संपर्क या लंबी दूरी के कारण मुख्यधारा से कटे हुए महसूस करते थे। सिसवा, घाघवा, रुपही, खलवा पट्टी, गुलरिहा जैसे गांव सीधे तौर पर इस कनेक्टिविटी से लाभान्वित होंगे। यह पुल किसानों को अपनी उपज मंडियों तक पहुंचाने में मदद करेगा, छात्रों को बेहतर शिक्षण संस्थानों तक पहुंचने में सहायता देगा और स्वास्थ्य सेवाओं को जरूरतमंदों तक तेजी से पहुंचाएगा। यह सिर्फ एक भौतिक संरचना नहीं है, बल्कि उम्मीदों और अवसरों का सेतु है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। जिसका इंतजार लंबे समय से किया जा रहा था। इस पुल का निर्माण बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों के नागरिकों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की नींव रखेगा, जो आर्थिक और सामाजिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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