हरी झंडी! सीतामढ़ी–जयनगर–निर्मली रेल परियोजना को मंजूरी। अब सीधा रेल कनेक्शन: कोसी और मिथिलांचल की वर्षों पुरानी मांग पूरी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी बड़ी सौगात, सीतामढ़ी–निर्मली रेल लाइन स्वीकृत।@पटना,देशज टाइम्स।
लालू प्रसाद के शिलान्यास के 17 साल बाद अब शुरू होगा रेल प्रोजेक्ट। सीतामढ़ी, मधुबनी और सुपौल के लाखों लोगों को बड़ी राहत, नई रेल लाइन को मंजूरी। 188.9 KM का रेल नेटवर्क बनेगा हकीकत, अब आसान होगा सफर।@पटना,देशज टाइम्स।
कोसी–मिथिलांचल के बीच रेल संपर्क होगा मजबूत, यात्री लाभान्वित। वर्षों से अटकी परियोजना को मिली मंजूरी, इलाके में खुशी की लहर। सीतामढ़ी से निर्मली तक सीधा रेल सफर, अब नहीं करना होगा लंबा चक्कर। रेल मंत्री के पत्र से खुली उम्मीदों की राह, जयनगर–निर्मली रेल लाइन को स्वीकृति@पटना,देशज टाइम्स।
सीतामढ़ी–जयनगर–निर्मली रेल लाइन परियोजना को मंजूरी, मिथिलांचल–कोसी में बेहतर यातायात
सीतामढ़ी | 1 अक्टूबर 2025
लंबे इंतजार के बाद सीतामढ़ी–जयनगर–निर्मली रेल लाइन परियोजना को स्वीकृति मिल गई है। इस परियोजना से सीतामढ़ी, मधुबनी और सुपौल जिलों के लाखों लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है। नया रेल नेटवर्क कोसी और मिथिलांचल को सीधे जोड़ेगा, जिससे यात्रियों और आम लोगों की आवाजाही आसान हो जाएगी।
रेल मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिहार सरकार के ऊर्जा एवं योजना विकास मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव को पत्र भेजकर इस परियोजना को स्वीकृति मिलने की जानकारी दी है। पत्र में बताया गया कि सीतामढ़ी, जयनगर और निर्मली को जोड़ने वाली इस रेल परियोजना को औपचारिक मंजूरी दे दी गई है।
17 साल से अटका था प्रस्ताव
5 दिसंबर 2008 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने सीतामढ़ी–निर्मली वाया सुरसंड–जयनगर रेलखंड (188.9 किमी) का शिलान्यास सुरसंड स्थित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल कॉलेज में किया था।
इसके बाद परियोजना वर्षों तक फाइलों में धूल खाती रही और कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी। वर्ष 2022 में मधुबनी लोकसभा सांसद अशोक कुमार यादव ने इस रेल परियोजना को पूरा करने की मांग केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर उठाई थी। उस समय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आश्वासन दिया था।
क्षेत्रवासियों में उत्साह
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस परियोजना से मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र के बीच वर्षों पुरानी कनेक्टिविटी की समस्या दूर होगी। इससे न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि व्यापार और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।