
पटना, देशज टाइम्स। राजधानी पटना में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार अब तक 227 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से सबसे अधिक मामले शहरी इलाकों में मिले हैं।
बांकीपुर और पाटलिपुत्र सबसे प्रभावित क्षेत्र
बांकीपुर: 92 मामले, पाटलिपुत्र: 61 मामले, नूतन राजधानी: 29 मामले, पटना सिटी: 20 मामले, अजीमाबाद: 18 मामले, कंकड़बाग: 15 मामले सामने आए हैं। शहर को 6 नगर निगम अंचलों में बांटा गया है और इनमें से 20 इलाकों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी असर
फुलवारीशरीफ और दानापुर में भी डेंगू के कई मामले सामने आए हैं। संक्रमित मरीजों की उम्र 11 साल से लेकर 70 वर्ष तक पाई गई है।
डेंगू फैलने के प्रमुख कारण
मानसून के बाद का मौसम डेंगू के लिए अनुकूल माना जाता है। इस समय शहर में जगह-जगह जलजमाव और नमी बनी रहती है। कूलर, गमले, पानी की टंकियां, खुले गड्ढे। इन जगहों पर एडीज एजिप्टी मच्छर तेजी से पनपते हैं और हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं। सोमवार को ही 5 नए मरीज दर्ज किए गए।
स्वास्थ्य विभाग ने की तैयारियां
स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है।पीएमसीएच (पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) में डेंगू मरीजों के लिए 10 बेड का विशेष वार्ड बनाया गया है। यहां मच्छरदानी, अलग नर्सिंग स्टाफ और विशेष ड्यूटी शेड्यूल की व्यवस्था की गई है। अन्य बड़े अस्पतालों को भी अतिरिक्त संसाधन तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
पटना में डेंगू की स्थिति फिलहाल चिंताजनक
पटना में डेंगू की स्थिति फिलहाल चिंताजनक है। स्वास्थ्य विभाग अपनी ओर से तैयारियां कर रहा है, लेकिन असली जिम्मेदारी नागरिकों की है। साफ-सफाई और बचाव ही डेंगू रोकने का सबसे असरदार तरीका है।
डेंगू से बचाव के उपाय
स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि वे मच्छरों से बचाव को प्राथमिकता दें। घर और आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर, गमले और टंकियों की नियमित सफाई करें।
रात में मच्छरदानी का उपयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। मच्छर भगाने वाली क्रीम/स्प्रे का इस्तेमाल करें।
यदि बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द या शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत जांच करवाएं।