Bihar School Music Band Scheme: अब सरकारी स्कूलों में बजेंगे बैंड, हारमोनियम, ढोलक, गिटार ! प्रखंड का एक स्कूल…जानिए पूरी योजना। सरकारी स्कूलों में छात्रों को मिलेगा म्यूजिक ट्रेनिंग का मौका, 534 स्कूलों में बनेगी बैंड टीम। पढ़िए पूरी खबर
राज्य के 38 जिलों में छात्रों को मिलेगा तबला, हारमोनियम, शहनाई जैसे वाद्ययंत्रों का प्रशिक्षण
बिहार सरकार अब छात्रों की पढ़ाई के साथ उनके सर्वांगीण विकास (holistic development) पर जोर देने जा रही है। इसके तहत राज्य के 38 जिलों के 534 सरकारी स्कूलों में बैंड टीम (school band team) गठित करने की नई योजना बनाई गई है।
हर प्रखंड के एक स्कूल में बनेगी बैंड टीम
शिक्षा विभाग की इस पहल के अनुसार, हर प्रखंड के एक माध्यमिक विद्यालय को चयनित किया जाएगा, जहां 7 से 15 छात्रों की बैंड टीम बनाई जाएगी।
प्रशिक्षण इन वाद्ययंत्रों पर दिया जाएगा:
हारमोनियम, तबला, ढोलक,
गिटार, बांसुरी, शहनाई,
तुरही और ताल आदि।
योजना का उद्देश्य क्या है?
बच्चों की रचनात्मकता और अनुशासन बढ़ाना:
इस योजना का मकसद छात्रों को स्कूल की गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है।
मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
एकता और टीमवर्क की भावना का विकास
अनुशासन और जिम्मेदारी की समझ
भावनात्मक बुद्धिमत्ता और सहयोग की भावना
स्कूल में नियमित उपस्थिति और पढ़ाई में रुचि बढ़ाना
स्वतंत्रता दिवस और अन्य आयोजनों में होगी प्रस्तुति
बैंड टीम का उपयोग 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर, और मुख्य अतिथियों के स्वागत जैसे अवसरों पर किया जाएगा। इसके अलावा ये टीमें:
स्कूल स्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों
राज्य व राष्ट्रीय स्तर की संगीत प्रतियोगिताओं
में भी हिस्सा लेंगी।
म्यूजिक टीचर की होगी नियुक्ति
प्रत्येक चयनित स्कूल में छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए संगीत शिक्षक (music teacher) की नियुक्ति की जाएगी। ये शिक्षक:
सुबह या शाम में बच्चों को अभ्यास कराएंगे
ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो
और बच्चे प्रतियोगिताओं में भाग लेकर करियर भी बना सकें
पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर पूरे राज्य में होगा विस्तार
यदि यह योजना चयनित स्कूलों में सफल होती है, तो बिहार के अन्य सरकारी स्कूलों में भी इसे लागू किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है और 2025 के भीतर इसे लागू करने का लक्ष्य है।
यह खबर उन छात्रों और अभिभावकों के लिए खास है, जो संगीत में रुचि रखते हैं और चाहते हैं कि पढ़ाई के साथ कला में भी आगे बढ़ें।