back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 24, 2025

समस्तीपुर में टीचर पेरेंट मीटिंग: ‘हर एक बच्चा श्रेष्ठ बच्चा’ थीम पर शिक्षकों और अभिभावकों की महत्वपूर्ण संगोष्ठी

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

Samastipur News: Teacher Parent Meeting: शिक्षा के आँगन में जब अभिभावक और गुरु एक साथ कदम बढ़ाते हैं, तो बच्चों के भविष्य की नींव और भी मजबूत हो जाती है। इसी साझा प्रयास की एक कड़ी में बिहार के समस्तीपुर में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। जिले के 143 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में ‘हर एक बच्चा श्रेष्ठ बच्चा’ विषय पर एक व्यापक शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अनूठी पहल का उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास में शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है।

- Advertisement - Advertisement

इस संगोष्ठी का मुख्य केंद्रबिंदु ‘हर एक बच्चा श्रेष्ठ बच्चा’ की अवधारणा थी, जो हर बच्चे की व्यक्तिगत क्षमता और विशिष्टता को पहचानने और उसे निखारने पर जोर देती है। इसमें यह बताया गया कि कैसे हर बच्चा अपने आप में खास होता है और उसे सही मार्गदर्शन तथा सकारात्मक माहौल मिलने पर वह अपनी पूरी क्षमता तक पहुँच सकता है। शिक्षकों ने अभिभावकों को बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में उनकी भूमिका के बारे में विस्तार से समझाया।

- Advertisement - Advertisement

टीचर पेरेंट मीटिंग: शिक्षा की नई पहल

इस Teacher Parent Meeting के दौरान शिक्षकों ने अभिभावकों को बच्चों की दैनिक गतिविधियों, स्कूल में उनके प्रदर्शन और सीखने की चुनौतियों के बारे में बताया। अभिभावकों को यह भी समझाया गया कि वे घर पर बच्चों को कैसे पढ़ाई में मदद कर सकते हैं और उनकी समस्याओं को कैसे समझ सकते हैं। यह संवाद बच्चों के शैक्षणिक और सामाजिक विकास दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  Patna Prakash Parv: गुरु गोबिंद सिंह के 359वें प्रकाश पर्व की भव्य तैयारियां, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

संगोष्ठियों में इस बात पर विशेष बल दिया गया कि बच्चों के सर्वांगीण छात्र विकास के लिए घर और स्कूल का वातावरण सामंजस्यपूर्ण होना चाहिए। माता-पिता और शिक्षकों के बीच नियमित बातचीत से बच्चों की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है और उनके अनुसार शैक्षिक रणनीतियाँ बनाई जा सकती हैं। यह पहल न केवल बच्चों के सीखने के अनुभव को बेहतर बनाती है बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी पैदा करती है।

इन संगोष्ठियों में बड़ी संख्या में अभिभावकों ने भाग लिया, जो बच्चों की शिक्षा के प्रति उनकी गहरी रुचि और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे स्पष्ट है कि माता-पिता भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी जागरूक हैं और वे शिक्षकों के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। ऐसी पहलें शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होती हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव

इन संगोष्ठियों से मिली प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक रही। अभिभावकों ने शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की और बच्चों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए अपनी सक्रिय भागीदारी का आश्वासन दिया। विद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस तरह के आयोजन भविष्य में भी होते रहने चाहिए ताकि बच्चों को एक बेहतर शैक्षिक माहौल मिल सके।

यह पहल समस्तीपुर जिले में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब शिक्षक और अभिभावक मिलकर काम करते हैं, तो हर बच्चा अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकता है और एक सफल नागरिक बन सकता है। इससे बच्चों के सर्वांगीण छात्र विकास को नई गति मिलेगी। यह एक ऐसा मॉडल है जिसे अन्य जिलों में भी अपनाया जा सकता है, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

रणवीर सिंह: ‘धुरंधर’ की सुनामी ने बदला ‘डॉन 3’ का खेल, अब गैंगस्टर नहीं, ज़ॉम्बी मारेंगे!

Ranveer Singh News: रणवीर सिंह की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'धुरंधर' ने सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर...

दमदार इंजन और शानदार स्टाइल के साथ आई नई Kawasaki Ninja 650

Kawasaki Ninja 650: रफ्तार के शौकीनों और लंबी दूरी के राइडर्स के लिए एक...

Aravalli mining ban: केंद्र का ऐतिहासिक फैसला, अरावली खनन पर पूर्ण प्रतिबंध

Aravalli mining ban: मरुभूमि को हरा-भरा रखने वाली अरावली की रगों में अवैध खनन...

AI Technology का खतरनाक खेल: वायरल वीडियो विवाद ने बढ़ाई डिजिटल दुनिया की चिंता

AI Technology: हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक 19 मिनट के...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें