Tej Pratap Yadav death threat: सियासत की बिसात पर मोहरों की चालें कब अपने ही घर को उजाड़ने लगें, कोई नहीं जानता। बिहार की राजनीति में इन दिनों कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है, जब एक बड़े राजनीतिक परिवार के सदस्य को अपने ही दल के प्रवक्ता से जान का खतरा महसूस हुआ।
तेज प्रताप यादव: अपने ही घर में घमासान! Tej Pratap Yadav death threat मामले में पार्टी प्रवक्ता पर केस
Tej Pratap Yadav death threat: किसने दी धमकी और क्या है आरोप?
राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति परिषद (JJD) सुप्रीमो तेज प्रताप यादव ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए सचिवालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है, और यह धमकी किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि उनकी अपनी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दी है। इस घटना से बिहार के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है, और यह मामला अब एक गंभीर मोड़ ले चुका है।
तेज प्रताप यादव ने अपनी शिकायत में जनशक्ति परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। हालांकि, शिकायत में धमकी के सटीक कारण और उसकी प्रकृति का विस्तार से उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन यह घटना पार्टी के भीतर गहरे मतभेद और आंतरिक कलह की ओर इशारा करती है। एक शीर्ष नेता द्वारा अपने ही पार्टी प्रवक्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना अपने आप में एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा कर रहा है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे चलकर क्या मोड़ लेता है और इसका पार्टी की अंदरूनी राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।
यह घटना बिहार की राजनीतिक गलियारों में एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर सकती है। अक्सर पार्टियां अपने बयानों और आरोपों के लिए जानी जाती हैं, लेकिन जब जान से मारने की धमकी का मामला सामने आता है, तो स्थिति गंभीर हो जाती है। तेज प्रताप यादव की शिकायत ने न केवल उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पार्टी के भीतर अनुशासन और आंतरिक कामकाज पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
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मामले की गंभीरता और आगे की कार्रवाई
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सचिवालय थाने में तेज प्रताप यादव की शिकायत के आधार पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब राष्ट्रीय प्रवक्ता से पूछताछ कर सकती है और मामले की तह तक जाने का प्रयास करेगी। यह एक संवेदनशील मामला है क्योंकि इसमें एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति और उनकी ही पार्टी के पदाधिकारी शामिल हैं। ऐसे में पुलिस को निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करनी होगी ताकि सच्चाई सामने आ सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह घटना पार्टी के लिए भी एक बड़ी चुनौती पेश करती है, जिसे अब इस आंतरिक कलह से निपटना होगा और सार्वजनिक तौर पर अपनी छवि को बरकरार रखना होगा। यह देखना होगा कि पार्टी इस मामले पर क्या आधिकारिक बयान जारी करती है।



