पटना न्यूज़: 13 दिनों की खामोशी और फिर अचानक दिल्ली की उड़ान. न कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस, न कोई बयान. आखिर लोकसभा चुनाव के नतीजों पर तेजस्वी यादव के मन में चल क्या रहा है? ये चुप्पी किसी नई रणनीति का संकेत है या हार पर मंथन का दौर?
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के लगभग दो हफ़्तों बाद, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और RJD नेता तेजस्वी यादव अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. पटना एयरपोर्ट पर जब वे अपनी पत्नी राजश्री और दोनों बच्चों के साथ पहुंचे, तो राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई. चुनाव में पार्टी के उम्मीद से कम प्रदर्शन के बाद से ही तेजस्वी ने एक रहस्यमयी चुप्पी साध रखी है, और इस दिल्ली यात्रा ने कई नए सवालों को जन्म दे दिया है.
पटना एयरपोर्ट पर मौजूद पत्रकारों ने जब उनसे चुनाव परिणामों की समीक्षा बैठक और आगे की रणनीति को लेकर सवाल पूछने की कोशिश की, तो तेजस्वी बिना कोई जवाब दिए सीधे टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर चले गए. उनकी इस चुप्पी ने अटकलों का बाज़ार और भी गर्म कर दिया है. गौरतलब है कि 4 जून को नतीजे आने के बाद से तेजस्वी यादव सार्वजनिक तौर पर मीडिया से बचते रहे हैं.
नतीजों पर रहस्यमयी चुप्पी, सवालों से बचते दिखे तेजस्वी
लोकसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने NDA के खिलाफ आक्रामक प्रचार अभियान का नेतृत्व किया था. उन्होंने ‘नौकरी’ और ‘रोज़गार’ के मुद्दे पर जमकर रैलियां कीं और 200 से ज़्यादा चुनावी सभाओं को संबोधित किया. हालांकि, जब नतीजे आए तो RJD महज़ 4 सीटों पर सिमट गई. भले ही यह 2019 में शून्य सीटों से बेहतर प्रदर्शन था, लेकिन पार्टी की उम्मीदों के मुताबिक नहीं था.
इस प्रदर्शन के बाद से ही RJD के नेता और कार्यकर्ता भविष्य की रणनीति पर तेजस्वी के मार्गदर्शन का इंतज़ार कर रहे हैं. लेकिन तेजस्वी ने इस मुद्दे पर अब तक कोई विस्तृत बयान या प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है. एयरपोर्ट पर भी उनका सवालों से बचना इसी चुप्पी की एक और कड़ी माना जा रहा है.
दिल्ली दौरा: निजी यात्रा या राजनीतिक रणनीति का हिस्सा?
तेजस्वी यादव का यह दिल्ली दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब राष्ट्रीय राजनीति में भी हलचल तेज़ है. हालांकि इसे एक निजी पारिवारिक यात्रा बताया जा रहा है, लेकिन राजनीति में किसी भी बड़े नेता की हर गतिविधि के राजनीतिक मायने निकाले जाते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस यात्रा के कई उद्देश्य हो सकते हैं:
- INDIA गठबंधन के नेताओं से मुलाकात: संभव है कि तेजस्वी दिल्ली में INDIA गठबंधन के शीर्ष नेताओं से मिलकर नतीजों पर चर्चा करें और भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श करें.
- पार्टी की रणनीति पर मंथन: यह यात्रा उन्हें शांत माहौल में बिहार की राजनीति से दूर रहकर पार्टी की कमियों और आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति पर मंथन करने का अवसर दे सकती है.
- पारिवारिक समय: यह भी संभव है कि चुनावी थकान के बाद वह कुछ समय केवल अपने परिवार के साथ बिताना चाहते हों.
चुनाव में RJD का प्रदर्शन और आगे की चुनौती
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से RJD ने 4 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि उसके सहयोगी दल कांग्रेस ने 3 और CPI(ML) ने 2 सीटें जीतीं. कुल मिलाकर INDIA गठबंधन बिहार में 9 सीटें जीतने में कामयाब रहा. वहीं, NDA गठबंधन ने 30 सीटों पर अपना परचम लहराया. अब तेजस्वी यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की है. लोकसभा चुनाव के नतीजों का असर विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है, और ऐसे में RJD को अपनी रणनीति की नए सिरे से समीक्षा करनी होगी. तेजस्वी की चुप्पी और दिल्ली यात्रा को इसी समीक्षा प्रक्रिया का एक हिस्सा माना जा रहा है. अब देखना यह होगा कि दिल्ली से लौटने के बाद तेजस्वी यादव क्या कोई नई राजनीतिक दिशा तय करते हैं.







