पटना-फुलवारी मुख्य मार्ग स्थित शांति गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 215 में एक युवक की सड़ी-गली लाश मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना मिलने के बाद जब दरवाजा तोड़ा गया तो कमरा अंदर से बंद था और नीचे से खून बह रहा था।
जय बाबा केदार..!
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कमरा नंबर 215 से दुर्गंध और खून देख कर खुला मामला
फुलवारी शरीफ थाना पुलिस का कहना है कि मामला आत्महत्या प्रतीत हो रहा है, लेकिन हत्या से इनकार नहीं किया जा सकता। मामले की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी गई है।
गिरिडीह निवासी सुमन कुमार यादव की हुई पहचान
मृतक की पहचान झारखंड के गिरिडीह जिले, थाना जमुआ अंतर्गत ग्राम सिमराटांड निवासी सुमन कुमार यादव (33 वर्ष) के रूप में हुई है। आधार कार्ड से शिनाख्त हुई।बताया जा रहा है कि सुमन आरा किसी काम से आया था और पिछले एक महीने से इस गेस्ट हाउस में ठहरा हुआ था।
गेस्ट हाउस प्रबंधन की बड़ी लापरवाही
स्थानीय लोगों और पुलिस के अनुसार, गेस्ट हाउस प्रबंधन ने दो दिन तक कमरे की कोई जांच नहीं की, जबकि नियम अनुसार कम से कम रोज दो बार चेकिंग जरूरी होती है।जब कमरे के नीचे से तेज दुर्गंध और खून दिखा, तब जाकर मैनेजर ने फुलवारीशरीफ थाना को सूचना दी।
गंभीर लापरवाही का आरोप गेस्ट हाउस प्रबंधन पर
पुलिस जांच में सामने आया कि सुमन दो दिनों से दिखाई नहीं दिया, फिर भी गेस्ट हाउस स्टाफ ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। कमरे की जांच भी नहीं की गई, जिससे संवेदनहीनता और सुरक्षा प्रबंधन की लापरवाही उजागर होती है।
CBI जांच जैसे मानक पर जुटी फुलवारीशरीफ पुलिस
पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है और फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। आधार कार्ड के माध्यम से मृतक की पुष्टि की गई। झारखंड पुलिस और परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। अब जांच इस दिशा में भी की जा रही है कि आखिरी बार सुमन को किसने देखा और कमरे की सफाई या निगरानी क्यों नहीं हुई।
पुलिस यह जांच कर रही है कि आखिरी बार…
फुलवारीशरीफ पुलिस ने कमरा सील कर यह जांच कर रही है कि आखिरी बार मृतक को किसने देखा, इसकी जांच की जा रही है। गेस्ट हाउस स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है। झारखंड पुलिस को सूचना देकर परिजनों से संपर्क किया जा रहा है।
सवाल: क्या गेस्ट हाउस सुरक्षा के मानकों पर खरा उतरता है?
यह घटना गेस्ट हाउस की सुरक्षा व्यवस्था और मानवीय संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। दो दिनों तक एक लाश कमरे में पड़ी रही और किसी को खबर नहीं लगी—यह दर्शाता है कि प्रबंधन की निगरानी प्रणाली पूरी तरह फेल रही।